झारखंड सरकार की पेट्रोल सब्सिडी योजना तीन साल में कमजोर पड़ गयी। एक लाख गरीब लाभुक बाहर हुए, अब केवल 18 हजार को मिल रही 25 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी।
Jharkhand Petrol Subsidy Scheme रांची: झारखंड सरकार द्वारा गरीब तबके को राहत देने के लिए जनवरी 2022 में शुरू की गयी पेट्रोल सब्सिडी योजना अब महज औपचारिकता बन कर रह गयी है। तीन सालों में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या तेजी से घटकर अब मात्र 18 हजार रह गयी है, जबकि शुरुआत में करीब 1.15 लाख राशन कार्डधारियों को इसका लाभ मिल रहा था।
इस योजना के तहत सरकार ने राशन कार्डधारी परिवारों को 10 लीटर पेट्रोल पर प्रति लीटर 25 रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की थी, ताकि महंगे ईंधन के बोझ से गरीबों को राहत मिल सके। उस समय राज्य में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के आसपास थीं।
परंतु, समय के साथ री-रजिस्ट्रेशन की जटिल प्रक्रिया इस योजना की सबसे बड़ी बाधा बन गयी। सरकार की शर्त के अनुसार लाभुकों को हर माह परिवहन विभाग के पोर्टल या मोबाइल ऐप पर जाकर री-रजिस्ट्रेशन कराना होता है। यही प्रक्रिया पूरा न करने पर लाभार्थी योजना से बाहर हो जाते हैं।
Key Highlights:
- झारखंड सरकार की पेट्रोल सब्सिडी योजना अब केवल 18 हजार गरीबों तक सीमित रह गयी।
- तीन साल में लगभग 1 लाख से अधिक राशन कार्डधारी लाभुक योजना से बाहर हो गये।
- हर माह री-रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी न करने पर योजना से नाम स्वतः हट जाता है।
- जनवरी 2022 में योजना के शुरुआत में 1.15 लाख लाभार्थी थे, अब घटकर 18 हजार रह गये।
- 25 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी के बावजूद योजना का असर सीमित दिख रहा है।
Jharkhand Petrol Subsidy Scheme
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, योजना शुरू होने के पहले महीने में 1,45,197 लोगों ने आवेदन किया था, जिनमें से 1,15,536 आवेदन स्वीकृत हुए। फरवरी 2022 में यह संख्या घटकर 55,223 स्वीकृत आवेदन तक पहुंची। इसके बाद हर महीने री-रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या लगातार कम होती गयी।
Jharkhand Petrol Subsidy Scheme
राज्य में वर्तमान में पेट्रोल की कीमत लगभग 100 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन सरकारी राहत के बावजूद गरीब तबका अब इस योजना में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी दिक्कतें, बार-बार की ऑनलाइन प्रक्रिया और सीमित लाभ के कारण योजना का असर खत्म होता जा रहा है।
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