पटना : जनसंख्या नियंत्रण पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि
बिहार की एक नाकारात्मक छवि पेश की जा रही है.
कुछ लोगों का बयान है कि बिहार के ऐसा राज्य है जहां सर्वाधिक जनसंख्या है.
इसी कारण से बिहार को पिछड़ा राज्य माना गया है.
कुछ लोग बिहार की छवि को धूमिल कर रही है.
उन्होंने कहा कि जब इस मामले को हमारी पार्टी ने समझा तो कहा कि तथ्यों का अवलोकन करना जरूरी है.
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय पारिवारिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में
बिहार का प्रजनन दर 2015-16 में 3.41 और 2019-21 में 2.91 रहा.
यानि कि 0.43 का बिहार के प्रजनन दर में कमी आयी है.
उन्होंने कहा कि देश में नागालैंड को छोड़कर किसी ने प्रजनन दर कम किया है
वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में किया है.
नेशनल औसत से ज्यादा बिहार ने जनसंख्या को नियंत्रित करने में काम किया है.
जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिये बनी थी नीति
उन्होंने कहा कि दुनिया के 10 देशों ने जनसंख्या को नियंत्रित किया है. अटल जी की सरकार ने जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिये नीति बनाई, उसके बाद उस कमीशन को रिजेक्ट कर दिया गया. 1989 से जो सरकारी कर्मी थे उसके लिए एक सरकुलर जारी किया गया था. जिसके दो बच्चे से अधिक है उसे कोई सुविधा नहीं मिलेगी. इसके बाद 2017 में इसे बंद कर दिया गया.
गलत प्रचार किया जा रहा है
समाज के अंदर एक विषाक्त वातावरण बनाया जा रहा है कि मुसलमानों की जनसंख्या बिहार में ज्यादा हो गई है, लेकिन ऐसा नहीं है. जो प्रचार किया जाता है वो गलत है. क्योंकि इसके बारे में केंद्र की राष्ट्रीय पारिवारिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि कर दी है. ये रिपोर्ट हमारी नहीं है, बल्कि ये केंद्र की रिपोर्ट है.
शिक्षा में बिहार आगे
राइट टू एजुकेशन सबके लिए है. आप किसी को वंचित नहीं कर सकते हैं. चाहे वो किसी भी धर्म के क्यों न हो. जो ये आंकड़े हैं वो बिलकुल आईने की तरह साफ है. शिक्षा में बिहार राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. बिहार को कोई भी नाकारात्मक छवि नहीं बनाएं.
रिपोर्ट: शक्ति