Iran: हिजाब के खिलाफ महिलाओं की उठी आवाज, 1979 की क्रांति के बाद किया गया था अनिवार्य

तेहरान : हिजाब के विरोध में समय-समय पर दुनिया के अलग-अलग देशों में

उठने वाली आवाज़ों की फेहरिस्त में ईरान भी शामिल हो गया है.

यहां सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य है.

नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना या गिरफ्तारी का प्रावधान है.

नियम के लागू होने के करीब चार दशक बाद इसके विरोध में

महिलाओं ने आवाज उठानी शुरू कर दी है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर इनदिनों वायरल है.

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का विरोध

ईरान में स्थानीय प्रशासन के लिए हिजाब के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन खासा सिरदर्द बना हुआ है. इससे निबटने के लिए प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी और राजधानी तेहरान के आजादी स्टेडियम में ऐसा आयोजन किया गया जिसमें हिजाब की जरूरतों और महिलाओं को उसे पहनने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इसके बावजूद हिजाब के विरोध में उतरी महिलाएं, देश की महिलाओं की गिरफ्तारी के जोखिम के बावजूद ड्रेस कोड के विरोध के लिए निकलने की अपील कर रही हैं. महिलाओं का समूह देश के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का विरोध कर रहा है, जिन्हें लेकर माना जाता है कि उन्हें रूढ़िवादियों का समर्थन हासिल है.

1979 में बना था सख्त नियम

गौरतलब है कि 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद से ही ईरान में हिजाब सहित दूसरे सख्त नियमों को लागू किया गया था. जिसमें महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर हर हाल में अपना सिर कवर करना होता है. किसी भी हालत में बाल को कवर करना होता है. महिलाओं के लिए ढीले कपड़े अनिवार्य हैं. इस कानून में हिजाब और पवित्रता सर्वाेच्च है. इससे जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर सार्वजनिक फटकार, जुर्माना या गिरफ्तारी का प्रावधान है.

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