बैडमिंटन में प्रमोद भगत के बाद कृष्णा नागर ने जीता सोना
प्रधानमंत्री मोदी ने कृष्णा नागर को दी बधाई
टोक्यो : टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय पैरा-एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय खिलाड़ी एक के बाद एक पदक भारत को दिला रहे हैं। टोक्यो पैरालंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।
Highlights
उन्होंने रविवार को बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएच6 फाइनल में हॉन्गकॉन्ग के चू मान काई को 21-17, 16-21, 21-17 से मात दी। कृष्णा नागर ने यह खिताबी मुकाबला 43 मिनट में अपने नाम किया। इसके साथ ही कृष्णा नागर पैरालंपिक के बैडमिंटन इवेंट में प्रमोद भगत के बाद गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय शटलर बन गए हैं।
बैडमिंटन में भारत का दूसरा गोल्ड मेडल
टोक्यो पैरालंपिक में ये भारत का अब तक का पांचवा गोल्ड मेडल है। साथ ही बैडमिंटन में देश का दूसरा गोल्ड मेडल है। इससे पहले दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी प्रमोद भगत ने पुरुष सिंगल्स के एसएल3 में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं आज नोएडा के डीएम सुहास एल यथिराज ने भी आज पुरुष सिंगल्स के एसएल4 इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम लिया था।
इस जीत के साथ ही नागर ने चू मान काई के खिलाफ अपना रिकॉर्ड 3-1 कर लिया है। इससे पहले दोनों खिलाड़ियों के बीच तीन मैच खेले गए थे, जिसमें से दो मुकाबलों में नागर को जीत मिली थी। वहीं, एक मुकाबला चू मान काई ने जीता था।
एसयू और एसएल वर्ग में ये खिलाड़ी लेते हैं हिस्सा
एसएल वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिन्हें खड़े होने में दिक्कत हो या निचले पैर का विकार हो, जबकि एसयू में ऊपरी हिस्से के विकार वाले एथलीट खेलते हैं. वहीं एसएच वर्ग में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की लंबाई सामान्य से बहुत कम होती है।
भारत ने कुल 19 पदक जीते
टोक्यो पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या 19 हो गई। भारत के खाते में अब 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक हैं। यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रियो पैरालंपिक (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे। इससे पहले प्रमोद भगत, मनीष नरवाल, अवनि लखेरा और सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।