Jharia: जर्जर भवन में गंदा पानी पीकर अपना भविष्य संवार रहे 1200 स्कूली बच्चे !

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, विभाग ने मूंदी आंखें

झरिया (धनबाद) : जर्जर भवन में गंदा पानी पीकर 1200 स्कूली बच्चे अपना भविष्य संवार रहे हैं.

मामला डीएवी मध्य विद्यालय टासरा झरिया की है.

डीएवी मध्य विद्यालय टासरा में बने कमरों की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है.

छत कब गिर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.

लेकिन, छत के नीचे बैठकर सैकड़ों की संख्या में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.

यहां की शिक्षा व्यवस्था और स्कूल की इमारतें पूरी तरह से बदहाली की शिकार हो चुकी हैं.

बच्चों पर मंडरा रहा मौत का संकट

मासूम बच्चों की जिंदगी पर मौत का संकट मंडरा रहा है. स्कूल की बिल्डिंग और छत जर्जर अवस्था में है.

ऐसे में कभी और किसी वक्त भी हादसा हो सकता है,

लेकिन स्कूल के मासूम छात्र भ्रष्ट शिक्षा विभाग के आगे बेबस होकर मौत के साए में भविष्य संभाल रहे हैं.

नींद की आगोश में शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग के अफसरों पर इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

इस सरकारी स्कूल में शिक्षा के नाम पर मासूमों को मौत के मुंह में धकेलने का काम चल रहा है,

लेकिन शिक्षा विभाग नींद की आगोश में है.

स्कूल के कमरों की दीवारों पर दरारें

डीएवी मध्य विद्यालय की रोंगटे खड़े कर देने वाली इन तस्वीरों से साफ पता चलता है कि

आखिरकार बच्चे पढ़ें तो पढ़े कहां. विद्यालय की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी है.

स्कूल के कमरों की दीवारों पर दरारें पड़ गईं हैं. वहीं जर्जर छत से आधी टूटी पटिया लटक रही है.

स्कूल की छत कब गिर जाए, इसका कोई भरोसा नहीं है. बारिश में सभी कमरों से पानी टपकने लगता है.

बेसिक शिक्षा विभाग एक ओर स्कूलों के कायाकल्प में सुधार का दावा कर रहा है तो वहीं जमीनी हकीकत कुछ और है.

विद्यालय परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, विद्यालय के बच्चे बीमार भी हो सकते हैं.

गंदा पानी पीने को विवश विद्यालय के बच्चे

केंद्र और राज्य सरकार की ओर से भले ही ‘हर घर, नल जल’ की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि आजादी के 75 साल बाद भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है. डीएवी मध्य विद्यालय टासरा के 1200 बच्चों को पेयजल नसीब नहीं है.

स्कूल के किताबों के जरिए बच्चों को स्वच्छ पेयजल पीने के बारे में तो बताया जाता है. लेकिन स्कूल में मध्याहन भोजन के बाद छात्र-छात्राओं को स्वच्छ पानी नसीब नहीं होता. स्कूल के चापाकल से पीला पानी निकल रहा है, विद्यालय के बच्चों ने कहा कि चापाकल से गंदा पानी निकल रहा है, हमलोग मजबूरी में यह गंदा पानी पी रहे हैं.

रिपोर्ट: सचिन सिंह

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