गोपालगंज-मोकामा उपचुनाव- दांव पर नीतीश-तेजस्वी की साख

Patna– गोपालगंज मोकामा विधानसभा उपचुनाव के लिए एनडीए और महागठबंधन की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गयी है. जहां भाजपा की ओर से इस चुनावी समर में 40 स्टार प्रचारकों की एक भारी-भरकम फौज को मैदान में उतारा गया है, तो महागठबंधन की ओर से भी ताल ठोकी जा रही है. महागठबंधन की निगाह अपने स्टार प्रचारक नीतीश कुमार पर टिकी हुई है.

यहां बता दें कि इस बार जदयू की ओर से दोनों ही सीटों आरजेडी को दी गयी है. राजद प्रत्याशी की जीत के लिए जेडीयू, कांग्रेस, वामदलों की ओर से सारे सारथी मैदान में उतर चुके हैं. लेकिन सबकी निगाहें महागठबंधन के महा खेवनहार नीतीश कुमार पर लगी हुई है.

गोपालगंज मोकामा विधानसभा उपचुनाव से तय होगी बिहार की राजनीति दिशा और दशा

यदि दावे की बात करें तो संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि गोपालगंज और मोकामा सीट पर लड़ाई एकतरफा है. और दोनों ही सीटों पर राजद प्रत्याशी की जीत पक्की है, चुनाव महज एक औपचारिकता है. लेकिन इस जीत के दावे के बीच महागठबंधन की कोशिश अपने आखरी वक्त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस चुनावी समर में उतारने की है.

महागठबंधन का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रचार में उतरने के साथ ही महागठबंधन की जीत पर औपचारिक मुहर लग जायेगी.

जबकि इन दावों की हवा उड़ाते हुए भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा है

कि 6 नवंबर को चुनाव परिणाम ही बताएगा की जीत किसकी होगी.

महागठबंधन से जनता पक चुकी है और गोपालगंज और मोकामा की जनता इन्हे धूल चटाने वाली है.

नीतीश कुमार के प्रचार प्रसार को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा

कि नीतीश कुमार पलटी मार नेता है, वह कब पलट जाएंगे किसी को जानकारी नहीं होगी.

अनंत सिंह की सदस्यता रद्द होने से खाली हुई है मोकाम की सीट

यहां बता दें कि अनंत सिंह की सदस्यता रद्द होने के कारण मोकामा

और सुभाष सिंह की मृत्यु के कारण गोपालगंज का उपचुनाव हो रहा है.

इन दोनों सीटों का चुनाव परिणाम ही बिहार की राजनीतिक दिशा और दशा को तय करेगी.

यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साख का भी सवाल है,

यहां दोनों की अग्नि परीक्षा होनी है.

क्योंकि सरकार बदलने के बाद पहली बार एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला है.

रिपोर्ट- राजीव कमल

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