गया : सात समुंदर पार से विदेशियों का जत्था गया पहुंचा। 15 की संख्या में रहे महिला और पुरुष गया पहुंचकर आज अहले सुबह से ही अपने पितरों की मोक्ष की कामना के लिए देवघाट पर पूरे विधि-विधान से पिंडदान का कर्मकांड पूरा किया। इसमें मुख्य रूप से अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन और यमन से विदेशी तीर्थ यात्री शामिल है। सभी का पिंडदान विदेशी तीर्थ यात्री के गुरुजी लोकनाथ गौड़ के द्वारा संपन्न कराया गया। इस दौरान कई विदेशी महिला भावुक हो गई। इन विदेशी महिलाओं और पुरुषों में से किसी ने अपने माता-पिता, पति और बेटे के लिए मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान किया। सबसे बड़ी बात है कि सभी भारतीय संस्कृति में महिला और पुरुष वस्त्र पहने हुए थे। महिलाएं साड़ी पहनी हुई थी जबकि पुरुष धोती पहनकर पिंडदान कर रहे थे।
वहीं विदेशी महिला व पुरुषों ने भी कहा कि गयाजी आकर बहुत खुश हूं। यहां पूरे देश के कोने-कोने से लोग यहां पिंडदान करने के लिए आते हैं। हम लोगों को भी जानकारी मिली तो हमलोग अपने गुरुजी से संपर्क किया और यहां आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किया। काफी शांति मिला है। वहीं गुरुजी लोकनाथ गौड़ ने बताया कि ये लोग सभी विदेशी हैं। किसी ने अपने भाई को, किसी ने अपने पति और किसी ने अपने माता-पिता के जाने के बाद मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान किया है। यह सभी लोग पहले अलग-अलग धर्म के लोग थे लेकिन यह सभी लोग अब हिंदू धर्म को अपना लिया है। पिंडदान का कर्मकांड करने के लिए यह लोग गया पहुंचे हैं।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट
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