डिजिटल डेस्क : चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में बवाल, हुई हाथापाई। मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग में हंगामा हो गया। मीटिंग में मेयर चुनाव में हुई गड़बड़ी को लेकर चर्चा के दौरान अनिल मसीह को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
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देखते ही देखते हंगामा हो गया। हाथापाई तक की नौबत आ गई। कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी से भाजपा पार्षदों ने धक्का मुक्की की। उसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया।
नगर नगम की बैठक में वेल में पहुंचे सभी दलों को पार्षद, हुआ हंगामा
जिस समय पूरा वाकया हुआ, उस समय अनिल मसीह प्रेसिडिंग ऑफिसर थे और उनपर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। कांग्रेस और आप पार्षद नारे लगाते हुए वेल में आ गए। अनिल मसीह और अन्य भाजपा पार्षद भी वेल में पहुंच गए और अनिल मसीह ने चिल्लाकर कहा कि राहुल गांधी भी तो जमानत पर हैं। उसके बाद दोनों गुटों के पार्षदों के बीच जमकर बहसबाजी शुरू हो गई और नौबत हाथापाई तक आ गई।

चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में पोस्टर लहराकर अनिल मसीह को कहा जा रहा था चोर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की तरफ से लगातार अनिल मसीह के पोस्टर लहराकर उन्हें वोट चोर कहा जा रहा था और इस संबंध में नारे लगाए जा रहे थे।
इस पर अचानक अनिल मसीह निगम के वेल में आए और उन्होंने यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस के कई नेता, सोनिया गांधी, राहुल गांधी जमानत पर हैं। उसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी उनके पास आए और मसीह के पोस्टर को दोबारा से लहराना शुरू कर दिया।

…और फिर चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में हुआ हंगामा और हाथापाई भी हुई
बताया जा रहा है कि इतने के बाद भाजपा के पार्षदों ने पोस्टर को छीनने की कोशिश की तो धक्का मुक्की हुई। बात इतनी बढ़ गई कि कांग्रेस के पार्षद गुरप्रीत सिंह और सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू के बीच बहस हुई। गुरप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद ने उनके हाथ से पोस्टर को छीनने की कोशिश की।
बता दें कि चंडीगढ़ में 30 जनवरी 2024 को नगर निगम के चुनाव हुए थे। भाजपा को कुल 16 वोट पड़े थे, जिनमें भाजपा के 14 पार्षद, अकाली दल का एक पार्षद और एक सांसद शामिल हैं जबकि इंडिया गठबंधन को 20 वोट मिले, जिसमें आम आदमी पार्टी के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षद शामिल हैं। लेकिन चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया।
वो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जहां ये माना गया कि चुनाव अधिकारी खुद कैमरे के सामने वोट पर निशान लगा रहे थे। अनिल मसीह ने तब कोर्ट में माफी भी मांग ली थी।