गुमला की रहने वाली जयंती लकड़ा करीब 14 वर्षों पहले गुम हो गई थी. पति अनिल कुजूर और और दो बच्चों ने ढूंढने की बहुत कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली. आखिरकर घर वालों ने भी उम्मीद का दामन छोड़ दिया. इस बीच यह मामला राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष तक पहुंचा.
सितंबर 2021 में स्टेट माइग्रेंट कंट्रोल रूम में शिकायत मिलने के बाद जयंती लकड़ा की खोजबीन शुरू हुई. पता चला कि, उन्हें पंजाब में गुरु नानक वृद्ध आश्रम में शरण मिली है. नियंत्रण कक्ष ने पीड़ित परिवार और वृद्ध आश्रम के बीच लगातार बात की और जयंती लकड़ा को लाने का प्लान तैयार किया. जन संघर्ष समिति गुमला और लातेहार के जन संगठनों के साथ मिलकर काम शुरू किया गया.टीम ने पहले जयंती लकड़ा को लुधियाना से दिल्ली फिर दिल्ली से रांची लाया. रांची पहुंचने के बाद पीड़ित महिला को गुमला स्थित उनके परिवार के पास सकुशल पहुंचा दिया गया.
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