रांची: रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने मंगलवार सुबह एक बार फिर निदेशक पद की जिम्मेदारी संभाल ली। झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को उन्हें पद से हटाने के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मंगलवार सुबह 9:15 बजे वे अपने कार्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा, “कोर्ट ने मुझे राहत दी है, लेकिन मन में वह खुशी नहीं है। मुझ पर जो भी आरोप लगे, वे निराधार थे।”
डॉ. राजकुमार ने पद संभालते ही बड़ा फैसला लिया। उन्होंने एमआरआई मशीन की खरीद को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की अगुवाई में हुई गवर्निंग बॉडी (जीबी) बैठक के फैसले को पलटते हुए, पहले से चयनित कंपनी को लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) जारी कर दिया। मंत्री ने खरीद प्रक्रिया को रद्द कर दूसरी एजेंसी से मशीन लेने की बात कही थी।
डॉ. राजकुमार ने कहा, “मैं बार-बार कह रहा था कि खरीद प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। संबंधित एजेंसी से एग्रीमेंट भी हो चुका है। ऐसे में खरीद को रोका नहीं जा सकता था। कैबिनेट से इस खरीद को मंजूरी मिली थी, इसलिए एलसी जारी किया गया।”
उन्होंने यह भी कहा कि जीबी की बैठक में अन्य सदस्यों को कोई आपत्ति नहीं थी, केवल मंत्री ही असहमत थे। डॉ. राजकुमार ने उम्मीद जताई कि मशीन जल्द ही रिम्स में पहुंच जाएगी, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।