रांची: जमीन नामांतरण के नाम पर रिश्वत मांगने के 11 साल पुराने मामले में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की विशेष अदालत ने तत्कालीन रांची सदर हलका कर्मचारी आनंद खलखो को 7 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने उसे 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसे अदा नहीं करने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह फैसला एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत ने सुनाया। मामले में अभियोजन पक्ष के विशेष लोक अभियोजक आलोक कुमार ने 9 गवाहों के बयान दर्ज कराए, जिनके आधार पर दोषसिद्धि हुई। आरोपी को दो अलग-अलग धाराओं में क्रमशः 5 साल और 7 साल की जेल दी गई है, जो साथ-साथ चलेगी।
मामला वर्ष 2014 का है। शिकायतकर्ता माधो उरांव ने अपनी पुश्तैनी जमीन का नामांतरण कराने के लिए सदर अंचल कार्यालय में आवेदन दिया था। इस प्रक्रिया में आनंद खलखो ने रसीद काटने के एवज में तीन डिसमिल जमीन लिखने के साथ 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। जब माधो उरांव ने कहा कि जमीन देने के बाद पैसे नहीं दे पाएंगे, तो आरोपी ने 5-5 हजार रुपये किस्तों में देने का प्रस्ताव रखा।
माधो उरांव ने इसकी शिकायत एसीबी से की। सत्यापन के बाद एसीबी ने आनंद खलखो को रंगे हाथ गिरफ्तार किया और उसके घर में छापेमारी कर लाखों रुपये बरामद किए। अदालत ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार का मामला मानते हुए सजा सुनाई। इस खबर का अन्य रोचक शिर्षक लगाये