भजन की अपेक्षा नाच गाने में ज्यादा जुटती है भीड़ – अशोक सिंह

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सासाराम के पूर्व विधायक अशोक सिंह का पवन सिंह पर तंज, कहा – भजन की अपेक्षा नाच गाने में ज्यादा जुटती है भीड़। पवन सिंह अपने भाई को मुखिया का चुनाव भी नहीं जीता सके, भाई को मिले थे मात्र 135 वोट

रोहतास: लोकसभा चुनाव को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। बिहार के हॉट सीट में एक काराकाट लोकसभा सीट भी है। काराकाट लोकसभा सीट पर पवन सिंह ने निर्दलीय नामांकन करवा कर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। राजनीतिक जानकारों की माने तो काराकाट में पवन सिंह की उपस्थिति एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।

इसी कड़ी में पूर्व विधायक अशोक सिंह ने काराकाट से निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह को लेकर बड़ी बात कही है। पवन सिंह की उम्मीदवारी पर तंज कसते हुए अशोक सिंह ने कहा कि जहां भजन होता है वहां भीड़ नहीं जुटती, लेकिन जब चांद बिजली का नाच होगा तो मेला भी फेल हो जाता है। सभी लोग मजा लेने के लिए जुटते हैं और पार्टी के एक छोटे कार्यकर्ता से भी पवन सिंह की तुलना नहीं हो सकती।

उन्होंने बताया कि पवन सिंह मुखिया के चुनाव में अपने भाई को भी जीत नहीं दिला सके और उन्हें मात्र 135 वोट प्राप्त हुआ था। इसलिए पवन सिंह जैसे लोग राजनीति में पैसे की लालच में आते हैं और जब देखते हैं कि राजनीति जनता की सेवा है, तो भाग जाते हैं। वहीं आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व विधायक ने कहा कि आरक्षण की सबसे विरोधी पार्टी कांग्रेस है। कांग्रेस जब सत्ता से दूर गई तब देश में गरीबों को आरक्षण मिला।

नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों को आरक्षण दिया और ज्यूडिशरी में पिछड़ों को आरक्षण दिया, जो आज तक किसी ने नहीं दिया। अंबेडकर के बाद अति पिछड़ों एवं पिछड़ों को अगर किसी ने आरक्षण दिया तो उसका नाम नीतीश कुमार है।

रोहतास से सलाउद्दीन की रिपोर्ट

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