धनबादः जिले के रंगुनी मौजा के विवादित 85 एकड़ जमीन में से 11.92 एकड़ पर संचालित असर्फी कैंसर हॉस्पिटल में जमीन विवाद को लेकर अस्पताल प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. अस्पताल के सीईओ हरेंद्र सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और पंकज मिथल की खंडपीठ ने विगत 9 अक्टूबर को उपरोक्त विषय पर सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुनाते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस भेजते हुए एक्सेक्यूशन सहित इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट सहित अभी तक पारित सभी अदालतों के निर्णयों पर रोक लगा दिया है.
बहस के क्रम में झारखंड सरकार के अधिवक्ता राजीव द्विवेदी ने जोरदार बहस किया. झारखंड सरकार ने पुरे 85 एकड़ पर अपना दावा किया है. अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया की सरकारी जमीन के विवाद में निचली अदालत में सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार को पक्षकार बनाया नहीं गया था. सरकार द्वारा 11.92 एकड़ आवंटन मिलने के बाद असर्फी कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण किया गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रंगुनी में ग्रामीणों के बीच हर्ष का माहौल है.
साथ ही धनबाद और आसपास के कैंसर के मरीजों के लिए यह एक राहत की बात है. क्योंकि अब कैंसर के इलाज में होने वाली बाधाएं समाप्त हो गईं हैं. विदित हो की असर्फी कैंसर संसथान में कैंसर के मरीजों का इलाज अप्रैल से ही शुरू कर दिया गया है. मरीजों का रेडिएशन थेरेपी के अलावा सभी प्रकार का इलाज चल रहा है. रेडिएशन के लिए आयातित मशीने लीनियर एक्सेलेटर और पेट सिटी का भी लगाया जा चूका है.
एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बॉडी, मुंबई से रेडिएशन के डाटा को अध्ययन करने के उपरांत जब मशीन को मरीजों पर इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दी जाएगी. तब इन मशीनों पर मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया जाएगा. डॉ विप्लव मिश्रा, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ रमेश कुमार, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और डॉ शिवजी बासु, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जो अपनी पूर्णकालिक सेवाएं दे रहे हैं.
इसके अलावा रेडिएशन सेफ्टी अफसर एवं अन्य विशेषज्ञ उपलब्ध भी हैं. असर्फी कैंसर हॉस्पिटल झारखंड का तीसरा कैंसर हॉस्पिटल हैं. जहां कैंसर से सम्बंधित सभी इलाज संभव है. इस हॉस्पिटल के होने से धनबाद और आसपास के लगभग 2 करोड़ लोगों के लाभान्वित होने की संभावना है. असर्फी कैंसर हॉस्पिटल के प्रयासों से अब यहां मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, हिस्टोपैथोलॉजी, मैमोग्राफी और अन्य सभी प्रकार के कैंसर का इलाज संभव हो गया है.
रिपोर्टः राजकुमार जायसवाल