रांची: गुजरात एटीएस द्वारा बेंगलुरु से गिरफ्तार की गई संदिग्ध महिला आतंकी शमा परवीन के झारखंड कनेक्शन की जांच अब तेज हो गई है। शमा झारखंड के कोडरमा जिले की रहने वाली है और उस पर अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के ऑनलाइन मॉड्यूल को संचालित करने का गंभीर आरोप है।
अब झारखंड पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) यह पड़ताल कर रहा है कि क्या शमा झारखंड में भी आतंकी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश में थी और किन-किन लोगों से उसके संपर्क थे।
पुराने मॉड्यूल से जोड़ कर देख रही एटीएस
झारखंड में पहले भी AQIS और हिज्ब-उत-तहरीर जैसे आतंकी संगठनों के नेटवर्क का पर्दाफाश हो चुका है।
अगस्त 2024 में दिल्ली पुलिस और झारखंड एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में रांची, हजारीबाग और लोहरदगा से कई संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी।
डॉ. इश्तियाक अहमद (पूर्व रेडियोलॉजिस्ट, मेडिका हॉस्पिटल) समेत कई आरोपियों को चान्हो और आसपास के इलाकों से गिरफ्तार किया गया था, जो झारखंड में आतंकी ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना बना रहे थे।
हिज्ब-उत-तहरीर के मॉड्यूल में धनबाद के वासेपुर से शबनम परवीन समेत 5 अन्य की गिरफ्तारी भी हुई थी।
संदिग्ध आतंकी शमा परवीन की भूमिका की गहन जांच जारी
अब झारखंड एटीएस यह जांच कर रही है कि क्या शमा परवीन का किसी पुराने आतंकी मॉड्यूल से सीधा या अप्रत्यक्ष संबंध रहा है। एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि गुजरात एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं, जिनके आधार पर कोडरमा और अन्य स्थानों में स्थानीय संपर्कों की जांच शुरू कर दी गई है।
शमा के परिवार, मित्रों और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की भी जानकारी खंगाली जा रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या वह झारखंड में भी AQIS या किसी अन्य आतंकी संगठन का ऑनलाइन मॉड्यूल संचालित कर रही थी।
सुरक्षा एजेंसियों की नजर सतर्क
एटीएस इस पूरे मामले को सतर्कता के साथ हाई अलर्ट पर देख रही है। झारखंड पहले भी कई स्लीपर सेल और रडिकल नेटवर्क का गढ़ बन चुका है, ऐसे में शमा परवीन की गतिविधियों का विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है।
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