जेपीएससी परीक्षा की सीबीआई जांच कराने के लिए बाबूलाल ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

रांची. कथित जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक मामला एवं जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी एवं पेपर लीक की सीबीआई से जांच कराने को लेेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

जेपीएससी परीक्षा की सीबीआई जांच कराने की मांग

बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में लिखा है कि दिनांक 17-03-2024 को जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसमें पेपर लीक की तमाम खबरें सामने आई हैं। कुछ छात्रों द्वारा मुझे भेजे गए मेल में (जिसमें स्क्रीनशॉट भी संलिप्त है) पेपर बुकलेट संख्या और ओएमआर उत्तर पुस्तिका संख्या असमान पाई गई है एवं इस सम्बन्ध में सभी प्रमुख समाचार पत्रों एवं विजुअल मीडिया में प्रकाशित हुआ है।

विगत दिनों भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां 2025 पदों के लिए राज्य भर के 735 केंद्रों में जेएसएससी द्वारा आयोजित सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023 में प्रश्नपत्र लीक का मामला सामने आया था, जिसके बाद जेएसएससी ने दिनांक-28.01.2024 को सम्पन्न सभी पाली की परीक्षा तथा 4 फरवरी को होने वाली परीक्षा को अपरिहार्य कारणों से रद्द कर दिया था, इस संदर्भ में भी मैने दिनांक 01 फरवरी 2024 को मुख्य सचिव, राज्य सरकार को पत्र (पत्रांक-139/BLM/24) लिखकर सीबीआई से जांच हेतु आग्रह किया था। बार-बार परीक्षा रद्द करने एवं पेपरलीक की घटना होने से जेएसएससी एवं जेपीएससी की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं, जिसका खामियाजा सभी प्रतिभागियों को भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, विगत 4 वर्षों में झारखंड के गरीब और आदिवासी बच्चों के सपनों का मजाक बनाकर रख दिया गया है। सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग जनता के लिए नहीं, स्वहित को साधने में लगे हुए हैं। राज्य के अफसरों का भी यही रवैया है। पिछले 4 सालों में ऐसी किसी भी परीक्षा का आयोजन नही हो पाया है, जिसमें नकल, अनियमितता या गड़बड़ी न हुई हो। राज्य के पैसों की बन्दरबांट और भ्रष्टाचार के पैसों से अपनी जेबें भरने वाले अफसर और शीर्ष नेतृत्व पर बैठे नेता ये भूल गए हैं कि उनका काम जनसेवा है।

मेरी जानकारी में इतना निक्कमा, लचर और अव्यवस्थित राज्य सेवा आयोग पूरे देश में कहीं नहीं है, मुझे ये बात समझ नहीं आती है कि अगर कोई संस्थान, जिसे पिछले 4 सालों से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी जा रही है, और उसमें वे लगातार असफल हो रहे हैं तो वह जनसेवा के नाम पर वेतन क्यों ले रहे हैं। ऐसे अपराधिक कृत्यों में संलिप्त सभी अफसरों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

अंत में उन्होंने अपने पत्र में लिखा ह, आपसे आग्रह है कि उक्त घटना को संज्ञान में लेते हुए जेएसएससी द्वारा आयोजित सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023, जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं ऐसे कुकृत्यों में संलिप्त अफसरों के खिलाफ जांच हेतु सीबीआई को अनुशंसा करेंगे।

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