रांची: झारखंड में 15 साल पुराने सरकारी वाहन अब सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगे। इन्हें स्क्रैप (कबाड़) घोषित कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने इस नीति को अंतिम रूप दे दिया है, जिसे 27 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एक बार कैबिनेट की स्वीकृति मिल जाने के बाद, पुराने सरकारी वाहनों को सड़कों से हटा दिया जाएगा।
सरकार का यह कदम केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप है, जिसने पहले ही राज्यों को स्क्रैप पॉलिसी लागू करने के निर्देश दिए थे। इस नीति के तहत, डीजल वाहनों की अधिकतम रजिस्ट्रेशन अवधि 10 वर्ष और पेट्रोल वाहनों की 15 वर्ष निर्धारित की गई है।
सरकारी वाहनों के लिए अनिवार्यता
स्क्रैप पॉलिसी के अनुसार, 15 साल पुरानी सभी सरकारी गाड़ियों को स्क्रैप करना अनिवार्य होगा। ये वाहन अब किसी भी हालत में सड़कों पर नहीं चलाए जा सकेंगे। यह कदम पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके और सड़कों पर चलने वाले वाहनों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
निजी वाहनों को राहत
हालांकि, निजी वाहन मालिकों के लिए कुछ राहत दी गई है। यदि वाहन का फिटनेस प्रमाणपत्र ठीक है, तो उसे 15 साल बाद भी चलाने की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए वाहन का री-रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अलावा, निजी वाहन मालिक अपने पुराने वाहन को रजिस्टर्ड स्क्रैप यूनिट में स्क्रैप करा सकेंगे। उन्हें स्क्रैप यूनिट से एक सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसके आधार पर नए वाहन की खरीद पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में 50% की छूट दी जाएगी।
यह नीति न केवल राज्य में पुराने और जर्जर वाहनों को हटाने में सहायक होगी, बल्कि नए वाहनों की खरीद को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे राज्य के परिवहन ढांचे में सुधार होगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस नीति के लागू होने की पूरी संभावना है, जिससे झारखंड में परिवहन व्यवस्था को अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकेगा।
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