रांची:झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद रांची नगर निगम और आरआरडीए (रांची रूल डेवलपमेंट अथॉरिटी) में नक्शा पास करने की प्रक्रिया में रुकावट आ गई है।
कोर्ट ने नगर निगम में नक्शा के आवेदनों के साथ जुड़े जमीन के कागजात की जांच अपर प्रशासक द्वारा किए जाने पर रोक लगाते हुए आदेश दिया है कि यह काम लीगल ऑफिसर द्वारा ही किया जाए। हालांकि, लीगल ऑफिसर का पद रिक्त होने के कारण इसकी नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे यह कार्य ठप है। हाईकोर्ट ने यह आदेश नगर निगम में नक्शा पास करने में हो रही गड़बड़ी को लेकर दिया है।
अदालत के इस आदेश के बाद आरआरडीए में भी नक्शा पास करने पर रोक लग गई है, लेकिन रांची स्मार्ट सिटी में भवनों का नक्शा पास करने की प्रक्रिया जारी है। यह स्थिति नगर निगम और आरआरडीए क्षेत्र के भवन निर्माणकर्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन गई है। नगर निगम और आरआरडीए में कुल 500 से अधिक भवनों के नक्शे पेंडिंग हैं, जिनमें आरआरडीए में करीब 100 नक्शे अटके हुए हैं। इसके अलावा, जिन नक्शों को पहले स्वीकृति मिल चुकी थी, वे भी आवेदकों को नहीं मिल रहे हैं।
रांची में पहले से ही बालू की कमी के कारण निर्माण कार्य ठप पड़ा था और अब नक्शा पास करने में आ रही अड़चनों के कारण घर बनाने वालों को अतिरिक्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत बड़े बिल्डरों के भवनों के नक्शे पास किए जा रहे हैं, जबकि छोटे भवनों के लिए रोक लगाई गई है। इस असमानता ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या नियम सभी के लिए समान नहीं हो सकते।
इस स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही है कि अगर मौजूदा हालात नहीं बदले, तो शहर और आरआरडीए क्षेत्र में अवैध निर्माण का जाल फैल सकता है।