रांची. झारखंड टुरिज्म डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेटीडीसी) के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर की गई अवैध निकासी मामले में सीआईडी की स्पेशल टीम ने जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल सह-कैशियर और केनरा बैंक, निफ्ट ब्रांच के तत्कालीन शाखा प्रबंधक समेत चार से पूछताछ की है। साथ ही इस मामले में टीम ने अपराध से अर्जित किये गये लगभग एक करोड़ रुपये बरामद किये हैं, जिसमें 85 लाख नकद तथा लगभग 15 लाख रुपये के सोने के गहने हैं।
Highlights
जेटीडीसी के फर्जी अकाउंट बनाकर निकासी मामला
मामले में महाप्रबंधक (वित्त), झारखंड पर्यटन विकास निगम लि. (रांची) द्वारा 28 सितंबर 2024 को धुर्वा थाने में फर्जी अकाउंट बनाकर अवैध तरीके से 10 करोड़ 40 लाख रुपये के निकासी के संबंध में केस दर्ज करवाया था। इसमें गिरजा प्रसाद, जेटीडीसी (रांची), आलोक कुमार, जेटीडीसी (रांची) और अमरजीत कुमार, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, केनरा बैंक, निफ्ट शाखा, हटिया के विरूद्ध कांड दर्ज किया गया। 4 अक्टूब 2024 को अपराध अनुसंधान विभाग, झारखंड, रांची के द्वारा इस मामले का अनुसंधान भार ग्रहण करते हुए सीआईडी थाना में केस दर्ज किया गया था।
मामले में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड, रांची के द्वारा इस कांड के अनुसंधान के लिए अविलम्ब एक एसआईटी का गठन किया गया था। इसमें रिषभ कुमार झा, पुलिस अधीक्षक, आतंकवाद निरोधी दस्ता, झारखंड, तीन सहायक पुलिस अधीक्षकों तथा अपराध अनुसंधान विभाग की टीमों को शामिल किया गया था।
अनुसंधान के क्रम में गिरजा प्रसाद सिंह (61 वर्ष), पिता-स्व. शालीग्राम सिंह, पता-मकान नं0-339 नहर पर, बेली रोड, गायत्री मंदिर के उत्तर में, थाना-रूपसपुर, जिला-पटना, तत्कालीन लेखापाल सह-कैशियर, जेटीडीसी, रांची एवं अमरजीत कुमार (43 वर्ष) पिता-स्व० रिपुसुदन प्रसाद सिंह, पता-फ्लैट नं0-103, हरिगोपाल अपार्टमेंट, प्रेमनगर, लटमा रोड, सिंहमोड़, हटिया, रांची, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, केनरा बैंक, निफ्ट ब्रांच को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ के क्रम में इन दोनों ने इस कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए अन्य साजिशकर्ता व्यक्तियों के नाम तथा उनकी संलिप्ता के बारे में बताया, जिसमें से पुलिस के द्वारा रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार, लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश को हिरासत में लेकर इनसे पूछताछ की गई। इन साजिशकर्ताओं की निशानदेही पर इनके बताये स्थान से लगभग 85 लाख नकद तथा लगभग 15 लाख रुपये के सोने के गहने (प्राप्त कमीशन के पैसों से), कुल लगभग एक करोड़ के अपराध से अर्जित की गयी राशि को बरामद किया गया।
3 अक्टूबर 2024 को जीएम, फाईनेंस, झारखंड टुरिज्म डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 10.4 करोड़, झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 9 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी कर फर्जी अकाउंट के द्वारा निकासी की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) पर दर्ज कराई गई तथा दिनांक 4 अक्टूबर 2024 को झारखंड उर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा 40.5 करोड़ तथा झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 56.5 करोड़ की राशि का फर्जी अकाउंटके द्वारा निकासी की शिकायत पोर्टल पर दर्ज करायी गई। इन सभी शिकायतों के आधार पर अपराध अनुसंधान विभाग में कांडदर्ज कर एसआईटी के द्वारा अग्रतर अनुसंधान, सरकारी राशि को विभिन्न बैंक अकाउण्टों में फ्रिज तथा छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है।
अनुसंधान के क्रम में एनसीसीआरपी पोर्टल / साईबर क्राईम थाना, सीआईडी के द्वारा I4C (Indian cyber crime co-ordination centre) तथा विभिन्न बैंकों के साथ लगातार समन्वय स्थापित कर अकाउण्ट फ्रिजिंग की कार्रवाई के साथ-साथ फर्जी अकाउंटों के उद्भेदन की कार्रवाई भी की जा रही है। अभी तक कुल 300 (तीन सौ) विभिन्न फर्जी अकाउंटों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें से सबसे ज्यादा फर्जी अकाउंट उत्कर्ष स्मॉल फाईनांस बैंक में खोले जाने की बात प्रकाश में आई है। अब तक के अनुसंधान में SIT के द्वारा लगभग 39 करोड़ 70 लाख रूपये विभिन्न खातों में फ्रिज किये गये हैं। अग्रतर अनुसंधान जारी है।