Ranchi : आज रांची प्रेस कल्ब के सभागार में शिशू संरक्षण अधिनियम (आईपीए) पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भरोसा दिलाया की प्रधानमंत्री के कार्यक्रम 1947 के विकसित भारत कार्यक्रम के तहत पालोना के विषय को भी जोड़ा जाएगा। रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के इस घोषणा के बाद पालोना टीम की ओर से केन्द्रीय मंत्री को इससे संबंधित मांग पत्र भी सौंपा।
बच्चों की रक्षा के लिए पालोना के द्वारा किया गया काम सरहनीय है
शिशु शुसंरक्षण अधिनियम (IPA) पर राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन पालोना की ओर से आज रांची प्रेस कल्ब के सभागार में किया गया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि इस विषय की गंभीरता और प्रयास इसकी स्पष्टता पालोना नाम से ही स्पष्ट हो जाता है। ऐसे बच्चे देश में लाखो हैं जो रेलवे स्टेशनों में कूड़ेदानों में मिल रहे हैं। ऐसे बच्चों की रक्षा के लिए आपके द्वारा और संगठनों के द्वारा जो प्रयास किया जा रहा है वह सराहनीय है।
हम सब मातृछाया संगठन से जुड़े हुए हैं जो आरएसएस का संगठन है। इस अभियान के लिए जागरुकता की आवश्यकता है। मैं संजय सेठ आपके इस अभियान से पूरी तरह जुड़ा हुआ हूं। केन्द्रीय मंत्री के तौर पर आपको जब भी मेरी आवश्यकता होगी मैं आपके साथ खड़ा मिलूंगा। केन्द्रीय मंत्री ने पालोना टीम को आश्वासन देते हुए कहा कि आपको जब भी जरुरत हो मैं इस विषय को लेकर आपके साथ कहीं भी चल सकता हूं।
इस विषय पर सबको काम करने की जरुरत है-डीके सक्सेना
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पहले सेशन में बाल संरक्षण आयोग के पूर्व निदेशक डीके सक्सेना ने कहा कि यह एक ऐसा विषय है जिसपर जानकारी और जागरुकता काफी कम है। 2019 में मेरी मुलाकात पालोना की संस्थापक मोनिका जी से हुई थी। उसके बाद से मैं इस मुहिम से प्रत्यक्ष रुप से जुड़ा हुआ हूं। यह एक ऐसा विषय है जिसपर सबको काम करने की जरुरत है। पालोना की संस्थापक मोनिका का प्रयास काफी सराहनीय है। इससे काफी जागरुकता हुई है। इस क्षेत्र में अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। अभी हमारे पास शिशू संरक्षण से संबंधित कोई कानून नहीं है लेकिन कानून आने के बाद भी इस क्षेत्र में जागरुकता की जरुरत है।
तीन महीने तक बच्चे की कड़ी निगरानी में रखने की जरुरत-डॉ विद्यार्थी
सिटीजन फाउंडेशन की ओर से गणेश रेड्डी ने भी कार्यक्रम के दौरान अपना संबोधन दिया और कार्यक्रम की सफलता के लिए जागरुकता की आवश्यकता पर बल दिया गया। कार्यक्रम के दूसरे सेशन को संबोधित करते हुए सीनियर गायक्नोलॉजिस्ट डा. विद्यार्थी ने कहा कि बच्चे के जन्म के तीन महीने पहले और तीन महीने बाद तक कड़ी निगरानी में रखने की जरुरत होती है। इस दौरान डॉक्टर को भी यह बात समझने में आसानी होती है कि बच्चे के परिवार बच्चे को रखने के इच्छुक है या नहीं। इससे शिशु परित्याग के घटना को रोका जा सकता है।
साइक्लोजिस्ट डॉ भूमिका ने भी इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि क्राइसिस प्रेग्नेसी अपने आप में एक ऐसा विषय है जो इस विषय से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। प्रेग्नेसी के दौरान मां और पिता दोनों के मानसिक और शारीरिक सेहत पर विशेष ध्यान दे। आज का दौर प्रगति का है। जीवन लगातार भागमभाग में लगा रहता है। कई ऐसे विषय है जो जीवन के प्रत्यक्ष जुड़े रहते हैं। इसलिए इन विषयों पर भी सामान्य रुप से ध्यान देने की आवश्यकता है।
शिशू के विकास से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ ऊषा मार्टिन-डॉ मयंक मुरारी
कार्यक्रम के अगले सेशन में ऊषा मार्टिन की ओर से डॉ मयंक मुरारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऊषा मार्टिन ग्रामीण क्षेत्र में शिशू के विकास या बच्चों के विकास से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। ऊषा मार्टिन के दो अस्पताल इस क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या बाल विवाह, कुपोषण, मालमिट्रेशन है। ये सभी समस्याएं सीधे तौर पर शिशु के सेहत से जुड़ी हुई है। इसलिए ऊषा मार्टिन इन क्षेत्रों में लगातार काम कर रहा है। वहीं शिशू परित्याग की जो समस्या लगातार विकराल रुप लेते जा रही है। उससे तभी निपटा जा सकता है जब इसको लेकर जागरुकता बने।
पब्लिक को जागरुक करने का किया जा रहा काम-संजीव शेखर
कार्यक्रम में अडानी पावर के प्रतिनिधि संजीव शेखर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम इस क्षेत्र में लगातार काम कर रहे हैं। हमारे द्वारा पब्लिक को जागरुक करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इस दौरान हमारा दो बातों पर ध्यान जाता है। ग्रामीण क्षेत्र की अपनी समस्याएं होती है। अपेक्षा और मालन्यूट्रिशन ये दो प्रमुख कारण हैं। इन दोनों क्षेत्रों पर अबतक हमारी ओर से 17000 बच्चो के स्वास्थ्य का देखभाल किया गया है। कार्यक्रम के आखिरी सेशन में मीडिया प्रतिनिधियों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा किया गया। इस दौरान कई मीडिया प्रतिनिधि ने भी अपने विचार रखे।
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