अकेले बिहार को मिला है दो AIIMS, डीएमसीएच में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के उद्घाटन के दौरान बोले केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा

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दरभंगा: उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल DMCH में करीब 150 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने फीता काटकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, मदन सहनी, हरि सहनी, संजय झा सहित कई नेता मौजूद थे। 210 बेड के इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में न्यूरोलाजी, गैस्ट्रोलाजी, इनफर्टिलिटी, पीडियाट्रिक सर्जरी, नेफ्रोलाजी, बर्न प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरोलाजी सर्जरी एवं कार्डियोलाजी सहित कुल आठ विभाग हैं।

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल व एम्स का निर्माण होने के बाद आस पास के जिले के साथ ही नेपाल के लोग भी इलाज कराने यहां आयेगे। पटना के PMCH मे 5 हजार 4 सौ 62 बेड का दुनिया दूसरे नंबर का हॉस्पिटल बन रहा है। बिहार में मोदी और नीतीश के नेतृत्व में विकास की एक नई कहानी लिखी जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं किसी की बुराई नही करना चाहता हूँ लेकिन मुझे एक पत्थर दिखा दो जो दूसरों के द्वारा लगाया गया है।

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उन्होंने लालू राज के शासन को याद दिलाते हुए कहा कि आपको बिहार का वह दिन याद है ना जब शाम को 5 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल था, डॉक्टरों का अपहरण होता था। आपको वह दिन याद है ना जब बिहार अपहरण उद्योग का हब बन गया था। मंत्रियों के घरों में चोरी की हुई गाड़ियां मिलती थी। अब देखो बिहार में 5 सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक है। बिहार अकेला राज्य है, जिसे एक नही दो एम्स मिले है। उत्तर बिहार के लिए अलग तथा दक्षिण बिहार के लिए अलग। बिहार को 8 मेडिकल कॉलेज मिला है। जिसको जिला घोषित नही किया गया वहां भी मेडिकल कालेज खुला है। ये विकास की नई कहानी है।

बताते चले कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सात विभागों में ओपीडी सेवा आरंभ है और डाक्टरों को तैनात किया जा चुका है। यहां गैस्ट्रोलाजी विभाग खुलने से लोगों को एडंवास उपचार पद्धति का लाभ मिलेगा। साथ ही लीवर, पित्त की थैली, आंत की समस्या आदि बीमारियों के मरीजों का संपूर्ण उपचार यहां उपलब्ध है। इसके अलावा किडनी, मस्तिष्क, नस, पाचनतंत्र, हार्ट, बर्न आदि के मरीज भी लाभान्वित होंगे।

DMCH के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उन्नत आइसीयू, आपरेशन थियेटर, पैथलैब के साथ एडवांस तकनीक की उपचार का बंदोबस्त है। हालांकि इंडोर सुविधा के लिए लोगों को अभी इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि सफल संचालन के लिए टेक्निशियन और कर्मियों की जरूरत है। इसे लेकर डीएमसीएच प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग से पत्राचार कर रखा है। जब तक पूरे जगहों पर कर्मियों की बहाली नही होती, तबतक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का पूर्णरूपेण लाभ लोगों को नही मिलेगा।

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वर्ष 2016 में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था। पांच मंजिला इस अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में एडमिशन, इमरजेंसी पैथोलाजी जांच केंद्र एवं रेडियोलाजी विभाग संचालित हो रहा है। जबकि फर्स्ट फ्लोर पर नेफ्रोलाजी, गैस्ट्रोलाजी न्यूरोलाजी एवं कार्डियोलाजी विभाग का ओपीडी चल रहा है। वहीं द्वितीय तल पर बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग मौजूद है। तीसरे तल पर न्यूरो सर्जरी एवं न्यूरोलाजी विभाग है।

चौथे फ्लोर पर कार्डियोलाजी एवं सीटीवीएस की व्यवस्था है जबकि पांचवें तल पर आपरेशन थियेटर, कैच लैब, एनेस्थेसियोलाजी, आईसीयू एवं सीसीयू मौजूद है। इस अस्पताल के सभी आठों विभाग के लिए 20-20 बेड की सुविधा दी गई है। वहीं प्री ओपीडी, पौस्ट ओपीडी, कैथलैब, डायलिसिस एवं अइसीयू के लिए 50 बेड बना हुआ है। सभी 210 बेड पर मरीजों का इलाज की उन्नत व्यवस्था है।

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दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट

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