पटना: बिहार में इन दिनों आपराधिक घटनाओं को देखते हुए बिहार पुलिस लगातार अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई में जुटी हुई है। इसके साथ ही पर्व त्योहारों के मौके पर भी सांप्रदायिक घटनाओं से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरत रही है। इसी कड़ी में आगामी पर्व मुहर्रम को देखते हुए लॉ एंड ऑर्डर एडीजी मुख्यालय पंकज दाराद ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता की। प्रेस वार्ता के दौरान एडीजी पंकज दाराद ने कहा कि मुख्य रूप से मुहर्रम को लेकर आपलोगों से रूबरू हो रहा हूं। आपके माध्यम से मैं आमलोगों से अपील करना चाहूंगा कि पर्व शांति के साथ मनाएं।
राज्य में निकाले जायेंगे 13 हजार से अधिक ताजिया जुलुस
एडीजी पंकज दाराद ने बताया कि इस वर्ष पूरे बिहार 13719 ताजिया जुलुस निकाले जायेंगे जो कि पिछले वर्ष की तुलना में कुछ अधिक हैं। ये सभी लाइसेंसी जुलुस हैं। मुहर्रम के अवसर पर अक्सर सांप्रदायिक तनाव होते रहा है, पिछले वर्ष कुछ छिटपुट घटनाएँ घटी थी। हमलोगों की कोशिश है कि इस वर्ष ऐसी कोई घटना न हो और शांतिपूर्वक तरीके से मुहर्रम का पर्व मनाया जाये।
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ये जिले हैं अतिसंवेदनशील
एडीजी पंकज दाराद ने कहा कि मुहर्रम के लिहाज से पूरा बिहार संवेदनशील है लेकिन बिहार में सीतामढ़ी, कटिहार, पूर्णिया, सिवान, गोपालगंज, भागलपुर, बांका, नालंदा, मुजफ्फरपुर, अररिया, औरंगाबाद, बगहा, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा, रोहतास, पटना अतिसंवेदनशील माने जाते हैं। आम तौर पर मुहर्रम के दौरान जबरन चंदा वसूली की वजह सांप्रदायिक घटनाएँ होती हैं। साथ ही दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल के आसपास गुजरने के दौरान धार्मिक उन्माद वाले नारे की वजह से भी विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई है।
जुलुस के रास्तों का होगा भौतिक सत्यापन
एडीजी ने कहा कि पूरे बिहार में सभी जगहों पर मुहर्रम को लेकर जोरों से तैयारी की जा रही है। सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी संवेदनशील जगहों पर खास कर मिश्रित आबादी वाले जगहों पर शांति समिति की बैठक की जा रही है। उन संवेदनशील जगहों पर अपराधियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई भी की जा रही है। पुलिस प्रशासन सभी जगहों पर यह भी सुनिश्चित करेगा कि कोई भी जुलुस बिना लाइसेंस के नहीं निकल सके। इसके अलावा जिला प्रशासन जुलुस के मार्गों का भौतिक सत्यापन भी करेगा।
सोशल मीडिया पर की जाएगी विशेष निगरानी
इन रास्तों में कुछ भी ऐसी चीजें हैं जिसकी वजह से दिक्कतें आ सकती है तो उसका व्यवस्था किया जायेगा। संवेदनशील जगहों और इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों की भी तैनाती की जाएगी। आज के दिनों में सोशल मीडिया पर भी अक्सर अफवाह फैलाये जाते हैं तो सभी जिला में निर्देश दिया गया है कि सोशल मीडिया की लगातार निगरानी की जाएगी और किसी भी प्रकार से अनावश्यक चीजें पोस्ट करने पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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मजिस्ट्रेट और पुलिस की निगरानी में निकाला जाएगा जुलूस
एडीजी ने बताया कि मुहर्रम के सभी जुलुस का वीडियोग्राफी कराया जायेगा और जुलुस के साथ पुलिस और मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही सभी जिलों में कंट्रोल रूम को पूरी तरह से सतर्क रखा जायेगा और मुख्यालय स्तर से लगातार जिलों की निगरानी की जाएगी। किसी भी तरह की अवांछनीय घटना की स्थिति में वरीय अधिकारियों को जानकारी देते हुए अधिकारी त्वरित कार्रवाई करेंगे।
50 कंपनी पुलिस बल के साथ 7 कंपनी केंद्रीय बल भी रहेगा तैनात
एडीजी ने कहा कि मुहर्रम पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न करवाने के लिए 50 कंपनी जिलों को उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही करीब 3000 प्रशिक्षणरत जवानों, 1200 प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले सब इंस्पेक्टर, 5100 होमगार्ड जवान, 7 कंपनी केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। सभी जिलों को हर आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई गई है।
आमलोगों से खास अपील, शांति से मनाये त्यौहार
एडीजी ने आम लोगों से भी अपील की कि इस अवसर पर शांति और सद्भाव बनाये रखें, छोटी चीजों पर एक दूसरे से उलझने की जरूरत नहीं है। मुहर्रम के दौरान डीजे पर पूर्ण प्रतिबन्ध लागू रहेगा। जुलुस में किसी भी तरह के भड़काऊ नारे नहीं लगाये जायेंगे, कोई भी ऐसा पोस्टर बैनर या झांकी नहीं निकाली जाएगी जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो, सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट नहीं शेयर करना है और अगर कोई पोस्ट दिख भी जाये तो पहले उसकी सत्यता जरुर जांच करें।
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पटना से स्नेहा राय की रिपोर्ट
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