बिहार विश्वविद्यालय ने गुजरात के CENTRAL UNIVERSITY के साथ साइन किया MOU

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मुजफ्फरपुर: बदलते परिवेश में भारत में नए-नए शोध होना चाहिए, जिससे पर्यावरण सुरक्षित होने के साथ-साथ विकास भी सुनिश्चित हो। आने वाले दिनों में हाइड्रोजन एनर्जी लीड एनर्जी का सोर्स हो सकता है। जो आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने में मदद करेगा। यह बातें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुज़फ्फरपुर के रसायन विभाग के द्वारा विश्वविद्यालय सीनेट हॉल में National Seminar on Emerging Trends in Applied Chemical Sciences विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आर एस दुबे ने व्याख्यान के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए कही।

कार्यक्रम में सेंट्रल यूनिवर्सिटी, गुजरात और बिहार यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर के बीच MOU पर हस्ताक्षर होने के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र राय ने कहा कि MOU हो जाने से बिहार यूनिवर्सिटी के शोध छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च करने में मदद मिलेगी, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। कार्यक्रम के सचिव प्रोफेसर नवीदुल हक ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने में यह सेमिनार बहुत ही महत्वपूर्ण है जो आने वाले समय में शोध छात्रों को मदद मिलेगा। इस सेमिनार में देश के विभिन्न संस्थानों से छात्र छात्राओ ने भाग लिया।

मुजफ्फरपुर से संतोष कुमार की रिपोर्ट

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