Aurangabad– बीपीएससी की 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में औरंगाबाद के दो अभ्यर्थी टॉप टेन में आएं है. परीक्षा के 685 सफल अभ्यर्थियों में मदनपुर के सलैया के अंकित सिंहा चौथे स्थान पर रहे, जबकि शहर के सत्येंद्रनगर की मोनिका श्रीवास्तव ने आठवां स्थान हासिल किया है.
अंकित को मिला चौथा स्थान
अंकित ने बीपीएससी की परीक्षा में चौथा रैंक लाकर न सिर्फ जिले का मान बढ़ाया है,
बल्कि पूरे बिहार को भी गौरवान्वित किया है.
विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अंकित कुछ अलग करने का माद्दा रखता था.
यही वजह है कि उसने यह कठिन लक्ष्य मेहनत और लगन के बदौलत हासिल किया.
अंकित का कहना है कि लगातार प्रयास से ही सफलता हाथ लगती है.
कहा कि मैं छह साल तक फेसबुक और सोशल मीडिया से दूर रहा, ताकि ध्यान नहीं भटके.
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले सोशल मीडिया से दूर रहें.
गौरतलब है कि अंकित ने पूर्व में यूपीएससी की परीक्षा में 472वां रैंक हासिल किया था.
वह आईएफएस में 43वां रैंक भी हासिल कर चुका है.
परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने के बावजूद परिजनों ने अंकित को पढ़ाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी.
यहां तक कि अंकित को पढ़ाने के लिए उसकी मां को अपने जेवर भी बेचने पड़े.
बीपीएससी क्रैक करने वाले मोनिका की कहानी
वही इस परीक्षा में छठा स्थान लानेवाली मोनिका श्रीवास्तव शहर के सत्येंद्र नगर निवासी ई. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव एवं प्रधानाध्यापिका भारती श्रीवास्तव के पांच बच्चों में सबसे छोटी है. सफलता के बाद मोनिका अब बतौर स्टेट टैक्स कमिश्नर अपनी सेवा देंगी.
बीपीएससी में प्राप्त किया छठा स्थान
बीपीएससी के परिणाम में उसने छठा स्थान प्राप्त किया है. वहीं लड़कियों की श्रेणी में वह प्रथम स्थान पर हैं.
मोनिका शुरू से ही अत्यंत मेधावी छात्रा रही हैं.
उन्होने दसवीं तक की पढ़ाई औरंगाबाद के डीएवी पब्लिक स्कूल से की. वर्ष 2010 की दसवीं की परीक्षा में उन्होनें जिला टॉप किया था.
कोटा से 12वीं के बाद उन्होंने जेईई मेंस की तैयारी की जिसमें उन्हें देश भर में 1259वां रैंक मिला.
आईआईटी गुवाहाटी से कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट है मोनिका
आईआईटी गुवाहाटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के बाद वर्ष 2016 में मोनिका ने कॉरपोरेट सेक्टर में जॉब शुरू किया.
विगत 6 वर्षों से वह बतौर आईआईटीएन चेन्नई स्थित पेपाल कंपनी में 36 लाख के सालाना पैकेज पर कार्यरत हैं.
मोनिका का बीपीएससी में यह पहला प्रयास था जिसमें उन्होंने इतनी बड़ी सफलता हासिल की.
मोनिका के पिता ब्रजेश श्रीवास्तव ग्रामीण कार्य विभाग के औरंगाबाद मंडल अंतर्गत बारुण में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत हैं.
वहीं मां सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापिका है. ब्रजेश श्रीवास्तव के घर के पांचों बच्चे मेधावी छात्र रहे हैं. सबसे बड़ी बेटी प्रीतिका श्रीवास्तव लखनऊ में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं.
उनसे छोटी श्रुतिका श्रीवास्तव एमडी पैथोलॉजिस्ट हैं.
बड़े बेटे डॉ वैभव कुमार श्रीवास्तव भी चिकित्सक हैं और औरंगाबाद जिले में ही अपनी सेवा दे रहे हैं.
वैभव कुमार श्रीवास्तव की पत्नी भी डॉक्टर हैं.
श्वेताभ श्रीवास्तव ने भी लहराया परचम
सबसे छोटे बेटे श्वेताभ श्रीवास्तव ने भी हाल में 12वीं की परीक्षा में अपना परचम लहराते हुए राज्य भर में स्थान प्राप्त किया था.
जिसमे उन्होनें 99.52 परसेंटाइल प्राप्त किया था.
मोनिका के नाना स्वर्गीय लाला शंभू नाथ पूर्व प्राचार्य और प्रख्यात शिक्षाविद रहे हैं
तथा इनकी नानी अरुण लता सिंहा समाजसेविका हैं ।इनके मामा श्रीराम अम्बष्ट एवं कमल किशोर पत्रकार हैं.
बेबी कुमारी को मिला 66वां स्थान
वही बारूण प्रखंड के उर्दीना गांव के निवासी मृत्युंजय कुमार सिंह की पुत्रवधु बेबी कुमारी ने 66वीं बीपीएससी परीक्षा में 67 वां स्थान लाकर जिले को गौरवान्वित किया है. बेबी को सफलता पर जदयू के वरीय नेता संजीव कुमार सिंह, तेजेन्द्र कुमार सिंह,
सीडीसीएम जम्होर के मंत्री प्रसिद्ध नारायण सिंह,
जदयू के सदर प्रखंड अध्यक्ष अजिताभ कुमार उर्फ रिंकू सिंह, जिला उपाध्यक्ष ऊंकार नाथ सिंह एवं शिक्षा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष जगन्नाथ सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है.
स्नेहजीत सिंह ने पाया 381वां स्थान
वही औरंगाबाद प्रखंड के जम्होर के सामाजिक कार्यकर्ता अजीत सिंह के पुत्र स्नेहजीत सिंह ने अपने प्रथम प्रयास में ही बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं संयुक्त परीक्षा में 381 वां रैंक हासिल किया है। उसे श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी का पद आबंटित किया गया है.
रिपोर्ट -दीनानाथ