Monday, September 29, 2025

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बुद्ध पूर्णिमा पर विश्व शांति के लिए विशेष प्रार्थना, जानें महत्व

राज्यपाल फागू चौहान और कोलकाता दूतावास में थाईलैंड के प्रतिनियुक्त कॉन्सुल जनरल हुए शामिल

गया : बुद्ध पूर्णिमा पर विश्व शांति के लिए विशेष प्रार्थना भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में

भगवान बुद्ध की 2566 त्रिविघ पावन जयंती बड़े ही धूमधाम से धार्मिक माहौल में मनाया गया.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और

विशिष्ट अतिथि कोलकाता दूतावास में थाईलैंड के प्रतिनियुक्त कॉन्सुल जनरल अचारापान यावारपास शामिल हुए.

महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे जयंती समारोह का आयोजन किया गया था.

समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्यपाल फागू चौहान ने दीप प्रज्वलित कर किया.

इसके बाद पेरोवाद वह महायान पंथ के बौद्ध भिक्षुओं, लमाओ व

धर्म गुरुओं द्वारा विश्व शांति हेतु विशेष प्रार्थना की गई.

इसके बाद बीटीएमसी द्वारा प्रकाशित सलाना पत्रिका प्रज्ना 2022 का लोकार्पण किया.

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इन देशों के बौद्ध धर्मगुरु हुए शामिल

विश्व शांति प्रार्थना में भारत, नेपाल, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, श्रीलंका, मयमार, इंडोनेशिया, सहित कई बौद्ध देशों के बौद्ध धर्मगुरु शामिल हुए. बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले बौद्ध अनुयायियों के लिए वैशाख पूर्णिमा खास मायने रखता है. बुद्ध जयंती हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा को मनाया जाता है.

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बोधि वृक्ष के नीचे हुई ज्ञान की प्राप्ति

पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण हुआ था. ऐसा किसी महापुरुष के साथ सहयोग नहीं है. इसी दिन 563 ई.पू. महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. 483 ई.पू. बुद्ध का कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त हुआ था. वैशाख पूर्णिमा के दिन ही राजकुमार सिद्धार्थ को बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. और वह राजकुमार सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बने.

निकाली गई भव्य आकर्षक शोभायात्रा

बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में आज 50 करोड़ से ज्यादा लोग हैं और भगवान बुद्ध का संदेश आज भी प्रासंगिक है. जयंती समारोह की शुरुआत सुबह बोधगया स्थित 80 फिट मूर्ति के पास से महाबोधि मंदिर तक देशी-विदेशी बौद्ध भिक्षुओं और विभिन्न बौद्ध मठों के धर्म गुरु लामाओं व श्रद्धालु और स्कूली बच्चों द्वारा भव्य आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई. जो महाबोधि मंदिर स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे पहुंचकर धर्म सभा में तब्दील हो गई.

रिपोर्ट: राममूर्ति पाठक

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