पीड़िता के नाम 10 लाख फिक्स करवाये सरकार- हाईकोर्ट

Ranchi-नेत्रहीन दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराए जाने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

अदालत ने रिम्स की रिपोर्ट के आधार पर कहा कि अब गर्भपात कराना सुरक्षित नहीं है.

ऐसे में होने वाले बच्चे के नाम से सरकार 10 लाख रुपये का फिक्स डिपाजिट कराएं.

इसके अलावा बच्चे की पढ़ाई लिखाई भी राज्य सरकार की ओर से कराए.

नेत्रहीन दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल खर्च सरकार उठायेगी

साथ ही अभी युवती की मेडिकल खर्च की सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार ही उठाएगी.

अदालत ने यह भी कहा कि उक्त पीड़िता को सुरक्षित स्थान पर रखने की व्यवस्था की जाए.

अदालत को यह बताया गया कि रांची में कोई शेल्टर होम नहीं है तो

उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि

रांची में भी इस तरह के पीड़ितों को रखने के लिए एक शेल्टर होम बनाया जाए.

बता दें कि नेत्रहीन दुष्कर्म पीड़िता ने गरीबी का हवाला देते हुए गर्भपात कराने के लिए

हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की पेशी

मनी लाउंड्रिंग के आरोप में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को

बुधवार को ईडी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया.

उनके साथ जेल में बंद सीए सुमन कुमार एवं बर्खास्त जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को

भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया.

तीनों की न्यायिक हिरासत अवधि 28 सितंबर तक बढ़ा दी गई है.

तीनों की पेशी अब अदालत में 28 सितंबर को होगी.पूजा 11 मई से जेल में है.

जबकि राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को ईडी ने कोलकाता से 17 जून 2020 को गिरफ्तार किया था. तब से जेल में है थी.

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