Bokaro : केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, दोनों बड़ी-बड़ी दावा करती रही है, लेकिन धरातल पर कुछ और ही है। सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने तथा पांच लाख तक के इलाज को मुफ्त में करवाने की बात कहती है। वहीं दूसरी ओर यही वादा झूठा साबित होता दिखाई जा रही है।
ये भी पढ़ें- Breaking : निरंजन राय बीजेपी में शामिल, अमित शाह ने दिलाई सदस्यता…
Bokaro : ठेला चलाकर दो वक्त की रोटी जुगाड़ कर पाते हैं
ताजा मामला बोकारो के चास की है, जहां मेहनतकश ठेला चलाने वाला मजदूर अपनी पत्नी को इलाज कराने के लिए 18 वर्षो से ठेला पर लेकर घूम रहा है। आज तक इनके प्रति चाहे सरकार हो या जनप्रतिनिधि इनकी नजरें इनायत नहीं हुई। पीड़ित पत्नी गिरिजा देवी के पति शिवनाथ कहते है कि वे 25 वर्षो से बाजार समिति में ठेला चलाकर दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से जुटा पाते हैं।
ये भी पढ़ें- Ramgarh में बन्ना गुप्ता का दावा-सुदेश महतो और चंद्र प्रकाश चौधरी चौधरी ने ही 27% आरक्षण को खत्म किया है…
वे चास के तारानगर में किराये के मकान में रहते हैं। 18 वर्षो से पत्नी के इलाज के लिए भिक्षाटन कर रहे हैं। उनके पत्नी के पैर टूटे पड़े हैं। बड़ी बात यह है कि शिवनाथ के बुढ़ौती का कोई सहारा भी नहीं है, ना तो उनके पुत्र है और ना ही पुत्री। शिवनाथ के कंधे पर दो वक्त की रोटी का जुगाड़, पत्नी के इलाज के लिए दवाइयां प्रबंध करने की जिम्मेदारी भी है।
बोकारो से चुमन की रिपोर्ट—