Ranchi : पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता चंपई सोरेन ने आज एक प्रेस वार्ता में राज्य सरकार और केंद्र से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर खुलकर बयान दिया। उन्होंने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण, महिला सुरक्षा, और आरक्षण नीति को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर संज्ञान लिए जाने की सराहना भी की।
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Breaking : बांग्लादेशी घुसपैठ पर केंद्र ने दी कार्रवाई की हिदायत
चंपई सोरेन ने बताया कि “केंद्र सरकार ने झारखंड में बढ़ रही बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर संज्ञान लिया है और राज्य सरकार को विशेष फोर्स गठित कर घुसपैठियों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने इस संवेदनशील विषय को गंभीरता से लिया।”
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उनका दावा है कि पाकुड़ जिले में 90% घुसपैठिए बस चुके हैं और सरकार इस पर आँख मूंदे हुए है। कई क्षेत्रों में होल्डिंग सेंटर बनाए बिना बाहर से आए लोगों को बसने दिया जा रहा है, जो कि “कानून का खुला उल्लंघन है।”
धर्मांतरण पर चंपई की चेतावनी
चंपई सोरेन ने कहा कि “चकुलिया क्षेत्र में 4000 से अधिक लोगों ने धर्म परिवर्तन किया है। इस तरह के धर्मांतरण आदिवासी संस्कृति और पहचान पर सीधा हमला है।” उन्होंने यह भी कहा कि “धर्म बदलने के बाद आदिवासियों का जीने का तरीका ही बदल जाता है, उनके रीति-रिवाज, परंपराएं खत्म हो जाती हैं।”
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उन्होंने 1935 की व्यवस्था और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि “कोई भी व्यक्ति अगर ईसाई धर्म अपनाता है, तो उसे अनुसूचित जनजाति का आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। ईसाई धर्म में जाति नहीं होती, इसलिए उनका आरक्षण पर दावा गलत है।”
महिला सुरक्षा पर राज्य सरकार घिरी
चंपई सोरेन ने बोकारो की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि “एक महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश करने वाले आरोपी को राज्य सरकार के मंत्री इरफान अंसारी द्वारा मुआवजा और मदद देना दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने सवाल उठाया – “क्या झारखंड राज्य का निर्माण इसी दिन के लिए हुआ था कि जो महिला इज्ज़त बचाने की कोशिश करे, सरकार उसके अपराधियों को सम्मानित करे?”
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उन्होंने कहा कि “ऐसे कृत्य उन लोगों का मनोबल बढ़ाते हैं जो महिलाओं के खिलाफ अपराध करते हैं। राज्य सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है और महिलाओं की सुरक्षा के मामले में पूरी तरह विफल रही है।”
डेमोग्राफिक बदलाव पर आंदोलन का ऐलान
झारखंड में योजनाबद्ध तरीके से डेमोग्राफी बदली जा रही है
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट आरोप लगाया कि झारखंड में योजनाबद्ध तरीके से डेमोग्राफी बदली जा रही है। उन्होंने कहा –
“पाकुड़ जैसे क्षेत्र जहाँ कभी सैकड़ों आदिवासी रहते थे, अब वहाँ एक भी नहीं है। भोगनाडीह जैसे ऐतिहासिक स्थलों तक घुसपैठियों का कब्जा हो गया है। यह आदिवासी अस्मिता पर सीधा हमला है। सरकार न तो देख रही है, न कुछ बोल रही है।”
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उन्होंने घोषणा की कि 30 जून से राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुआत की जाएगी ताकि जनजागरण किया जा सके और इस “सांस्कृतिक व भू-राजनीतिक” हमले को रोका जा सके।
सरना धर्म कोड पर कांग्रेस को घेरा
चंपई ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि “1961 में कांग्रेस ने सरना धर्म कोड को खत्म कर दिया था, जिसके लिए अब माफी मांगी जानी चाहिए।” चंपई सोरेन के इस बयान से झारखंड की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है। उन्होंने घुसपैठ, धर्मांतरण, महिला सुरक्षा, आरक्षण नीति, और आदिवासी अस्मिता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर जिस तरह से सरकार को कटघरे में खड़ा किया है, वह आने वाले समय में राजनीतिक विमर्श को नई दिशा दे सकता है।
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मुख्य बातें संक्षेप में
• केंद्र ने बांग्लादेशी घुसपैठ पर राज्य सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिए
• पाकुड़ में 90% घुसपैठ और चकुलिया में 4,000 से अधिक धर्मांतरण का आरोप
• महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार की आलोचना, आरोपी को मुआवजा देने पर विरोध
• आंध्र हाई कोर्ट के हवाले से कहा-ईसाई नहीं हो सकते आदिवासी, नहीं मिलना चाहिए आरक्षण
• 30 जून से आंदोलन का ऐलान-“डेमोग्राफी बदलाव को रोकने के लिए मैदान में उतरेंगे”
करिश्मा सिन्हा की रिपोर्ट–
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