Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट में उन्होंने 2020 में गृह मंत्री अमित शाह को भेजे गए लेटर को संलग्न किया है। इसमें उन्होंने आदिवासी धर्म कोड को लेकर पोस्ट करते हुए लिखा है कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द इसपर फैसला लेगी।
इस पोस्ट में सीएम ने गृहमंत्री अमित शाह को मुंडारी, हो और उरांव/कुड़ुख भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि आदरणीय अमित शाह जी, यह झारखंड की प्रमुख जनजातीय भाषाओं को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया है।
Breaking : मुंडारी, हो और उरांव/कुड़ुख को आठवीं अनुसूची में शामिल करें
साल 2003 में झारखंड के विभिन्न जनजातियों द्वारा बोली जाने वाली संथाली, मुंडारी, हो और उरांव/कुडुख भाषाओं को भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा की थी। इस संबंध में मांगा गया स्पष्टीकरण पत्र संख्या 160, 29 अगस्त 2013 के माध्यम से भी भेजा गया था। संथाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर लिया गया है, लेकिन शेष तीन भाषाओं के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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राज्य सरकार इन भाषाओं के विकास के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने पहले ही इन भाषाओं को झारखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया है। चूंकि इन भाषाओं में समृद्ध जातीय और वंशावली शब्दावली है, इसलिए इन्हें आठवीं अनुसूची में शामिल करने से इन भाषाओं को आगे बढ़ने और फलने-फूलने का अवसर मिलेगा और ये हमारे देश की समग्र संस्कृति को समृद्ध बनाने में योगदान देंगी। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 16 वर्षों से अधिक समय से लंबित हमारे अनुरोध पर शीघ्र विचार करने के लिए इस मामले में कृपया हस्तक्षेप करें।