14 साल का वनवास खत्म करने के बाद भी नहीं बना पुल

धनबाद/निरसा : निरसा विधानसभा स्थित बरबेंदिया पुल कोयलांचल को संथाल से जोड़ने के लिए बराकर नदी के ऊपर वर्ष 2007 में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. लेकिन दुर्भाग्य ये रहा कि 2009 में निर्माणाधीन पुल से चार पिलर पानी के तेज बहाव में बह गये. इसके बाद से पुल का अबतक निर्माण कार्य रुका है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं.

36.85 करोड़ की लागत से निरसा से जामताड़ा को जोड़ने के लिए बरबेंदिया नदी घाट पर पुल निर्माण कार्य शुरू किया गया. जो 14 वर्ष बीत जाने के बाद भी आधा-अधूरा है. स्थिति यह है कि स्थानीय लोग कभी नाव, तो कभी बांस का पुल से नदी पार करने को मजबूर होते हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने बरबेंदिया में ही नये पुल निर्माण की कवायद शुरू की है. बता दें कि नये पुल का निर्माण करीब 100 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा.

निरसा से जामताड़ा तक फोरलेन का निर्माण होगा. इस सड़क निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को दी गई है. इस सड़क पर मैथन पावर लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनी है. इस स्थिति में बड़ी संख्या में लोग पुल और सड़क की मांग कर रहे थे. स्थानीय लोगों के दबाव पर राज्य सरकार ने नये पुल के साथ साथ सड़क बनाने का निर्णय लिया है.

स्थानीय लोगों के दबाव पर राज्य सरकार ने नये पुल के साथ साथ सड़क बनाने का निर्णय लिया है. बता दें कि पुल की उपयोगिता जांचने और समझने के लिए सितंबर 2014 में तत्कालीन प्रधान सचिव के तकनीकी सलाहकार बी अंजना देवी के नेतृत्व में पुल का निरीक्षण किया गया. जिसने जांच रिपोर्ट भी सौंपी, लेकिन पुल पर निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया. पुल नहीं होने से लोगों को गोविंदपुर-साहिबगंज रोड से निरसा, मैथन होते हुए जामताड़ा जाना पड़ा रहा है. इससे जामताड़ा की दूरी 50 से 60 किलोमीटर ज्यादा पड़ती है. बराकर नदी पर बरबेंदिया पुल बन जाने के बाद जामताड़ा की दूरी यानी 25 से 30 किमी हो जाएगी.

अर्द्ध निर्मित और धरासायी पड़े पुल को लेकर निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता कई बार विधानसभा में सवाल उठा चुकी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से पुल निर्माण करवाने का आग्रह किया है. स्थानीय ग्रामीणों को कहना है कि प्रशासन का रवैया उदासीन है.

रिपोर्ट : संदीप कुमार शर्मा

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