चतरा: झारखंड के चतरा जिले के टंडवा कोलियरी क्षेत्र में कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी CCL में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी और मुआवजा लेने का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन की जांच में 22 लोगों के खिलाफ अवैध रूप से सरकारी लाभ प्राप्त करने के आरोप प्रमाणित पाए गए हैं, जिसके बाद टंडवा थाना में इनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
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फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर मिली नौकरी और मुआवजा
अंचल कार्यालय टंडवा द्वारा सीसीएल पिपरवार क्षेत्र के लिए निर्गत वंशावली, प्रमाण-पत्र, भूमि सत्यापन और नक्शे में छेड़छाड़ कर अवैध तरीके से नौकरी और मुआवजा लेने की जानकारी उपायुक्त (DC) रमेश घोलप को दी गई थी। इस सूचना के आधार पर उपायुक्त ने अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) सिमरिया सन्नी राज की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया।
जांच के दौरान पाया गया कि 22 लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सीसीएल में नौकरी प्राप्त की और कई लोगों ने गलत वंशावली और फर्जी भू-अधिकार दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा हासिल किया। उपायुक्त ने मामले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मियों पर भी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
बाहरी लोग भी बने स्थानीय, मिली अवैध नौकरी
छह सदस्यीय जांच टीम ने यह भी खुलासा किया कि कई बाहरी राज्यों के लोग फर्जी वंशावली बनाकर खुद को स्थानीय निवासी दर्शाते हुए सीसीएल में नौकरी कर रहे थे। अंचल कार्यालय, सीसीएल कर्मियों और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी वंशावली, फर्जी लगान रसीद, हुकुमनामा और फर्जी जमाबंदी के दस्तावेज तैयार किए गए थे।
जांच में यह भी सामने आया कि गैरमजरूआ खास खाता की फर्जी लगान रसीद, हुकुमनामा और गलत जमाबंदी के आधार पर निकाली गई वंशावली के जरिए कई लोगों ने अनुचित तरीके से मुआवजा प्राप्त किया।
इन लोगों पर दर्ज हुआ केस
टंडवा थाना में दर्ज एफआईआर में सुरन भुइयां, सरिता देवी, सीमा भुइयां, बुधन भुइयां, गोपी भुइयां, किशन भुइयां, पूनम कुमारी, मनोहर राम, करण भुइयां, अमित कुमार, विजय भुइयां, बिरन कुमार भुइयां, कौलेश्वर कुमार, इस्माइल अंसारी, मो. इब्राहिम, मो. रिजवान अनवर अंसारी, आफताब अंसारी, शगुफ्ता अंजुम नुमान अंसारी, मोहसिन कमल और खुर्शीद अंसारी सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
अभी और भी खुल सकते हैं राज
उपायुक्त रमेश घोलप ने बताया कि जांच अभी जारी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन यदि आगे की जांच में और लोगों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।