डिजिटल डेस्क : ऑनलाइन धोखाधड़ी में CBI का एक साथ 60 स्थानों पर रेड। ऑनलाइन धोखाधड़ी के किंगपिनों के खिलाफ CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने देश बड़ा रेड मारा है। यह रेड एक साथ देश में अलग-अलग कुल 60 ठिकानों पर डाला गया है।
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फिलहाल जांच जारी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, देश ऑनलाइन तरीके से साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को एक झटके में कंगाल किए जाने के लगातार सामने आ रहे मामलों की जांच करने के दौरान मिले पुख्ता सबूतों के आधार पर CBI ने यह रेड कंडक्ट किया है।
इसकी सूचना मिलते ही कई सफेदपोश साइबर अपराधियों के भूमिगत होने की सूचना है।
क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला…
बताया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से जुड़े इन मामलों में CBI ने गहन छानबीन के बाद यह रेड कंडक्ट किया है। फिलहाल इस रेड की विस्तृत सूचना प्रतीक्षित है।
मिली जानकारी के मुताबिक, CBI की ओर से यह रेड देशभर में 60 जगहों पर एकसाथ कंडक्ट किया जा रहा है। CBI की टीमें दिल्ली -NCR, पुणे, चंडीगढ़, नांदेड़, कोल्हापुर, बेंगलुरु और अन्य कई प्रमुख शहरों में रेड कंडक्ट करने में जुटी हैं।
अभी मौके से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं एवं ऑनलाइन धोखाधड़ी के बड़े नेटवर्क से जुड़े अहम इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी खंगाले जा रहे हैं। इससे बड़े साइबर अपराध के गठजोड़ के खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।

फर्जी वेबसाइटों से हुई धोखाधड़ी CBI की पैनी निगाह…
बताया जा रहा है कि यह साइबर अपराध बड़े पैमाने पर लोगों ऑनलाइन ठगने के रूप में किया गया है। यह घोटाला फर्जी वेबसाइटों और ऑनलाइन धोखाधड़ी के माध्यम से किया गया। इसमें आरोपियों ने बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइटों की नकल करके लोगों को ठगा।
बताया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा ये स्कैम 2015 में शुरू हुआ था। इसको अंजाम देने वालों में अमित भारद्वाज (मृतक), अजय भारद्वाज और उनके एजेंट शामिल थे।
इन लोगों ने GainBitcoin और कई दूसरे नाम से वेबसाइट बनाकर लोगों से पोंजी स्कीम के तहत क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्ट कराया था। इन सभी वेबसाइट का कंट्रोल Variabletech Pte. Ltd. नामक कंपनी के द्वारा किया जाता था।

क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड में पूरे भारत में दर्ज हुए FIR, अब CBI की रेड
मिली जानकारी के मुताबिक, इस क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए पूरे भारत में कई FIR दर्ज हुए।
घोटाले की व्यापकता को देखते हुए जम्मू और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दर्ज FIR को सुप्रीम कोर्ट ने CBI को स्थानांतरित कर दिया गया था।
क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड करने वाले अमित भारद्वाज (मृतक), अजय भारद्वाज ने निवेशकों को इस योजना में 18 महीने बिटकॉइन में पैसा लगाने के लिए कहा था। इसके बदले इन दोनों ने 10 प्रतिशत रिटर्न देने की बात कही थी।

साथ ही निवेशकों को एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदने और ‘क्लाउड माइनिंग’ अनुबंधों के माध्यम से गेनबिटकॉइन के साथ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड करने वाले इतने शातिर थे कि उन्होंने इन्वेस्टर को शुरुआत में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर रिटर्न दिया था।
लेकिन 2017 में इंवेस्टर्स कम होने के बाद ये योजना फ्लॉप हो गई और आरोपियों ने इंवेस्टर्स के घाटे को कवर करने के लिए उनके पैसे को अपनी इन हाउस MCAP क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया जिसकी वास्तिव कीमत बिटकॉइन से काफी कम थी।