Census: जातियों की गणना के साथ-साथ जनगणना-2027 को दो चरणों में कराने का निर्णय लिया गया है। यह जनगणना 1 मार्च 2027 से संभावित है। वहीं केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के असमकालिक बर्फीले क्षेत्रों के लिए 1 अक्टूबर 2026 से संभावित है।
Census: 2011 में भी दो चरणों में हुई थी जनगणना
जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवतः 16.06.2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। भारत की जनगणना, जनगणना अधिनियम (1948) और जनगणना नियम (1990) के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। भारत की पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी।
चरण I में मकान सूचीकरण (HLO) (1 अप्रैल से 30 सितंबर 2010) और चरण II में जनगणना (PE) (09 फरवरी से 28 फरवरी 2011) हुई थी। इसके लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च 2011 तथा जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढके असमकालिक क्षेत्रों के लिए यह 11 से 30 सितंबर 2010 के दौरान आयोजित की गई थी और संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2010 थी।
Census: कोविड के कारण 2021 में रद्द हुई थी जनगणना
जनगणना 2021 को भी इसी तरह दो चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव था, पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान और दूसरा चरण फरवरी 2021 में आयोजित किया जाना था। 2021 में आयोजित की जाने वाली जनगणना के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और 1 अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्य शुरू होने वाला था। हालांकि, देश भर में COVID-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा।
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