Desk. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को कैब एग्रीगेटर्स ओला और उबर को नोटिस जारी किया है और सवारी बुक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल डिवाइस के प्रकार के आधार पर कथित अंतर मूल्य निर्धारण की रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण मांगा है।
ओला और उबर को नोटिस
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सीसीपीए को “अनुचित व्यापार व्यवहार” और उपभोक्ताओं के पारदर्शिता के अधिकार की उपेक्षा के लिए ओला, उबर और रैपिडो जैसे प्लेटफार्मों की जांच करने का आदेश दिया है। जोशी ने कहा कि सरकार की “उपभोक्ता शोषण के प्रति शून्य सहनशीलता” है और उन्होंने सीसीपीए को गहन जांच करने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
दरअसल, दिसंबर में इसको लेकर मामला तूल पकड़ा था, जब एक एक्स यूजर ने उबर ऐप पर दो फोन की तस्वीर साझा की, जिसमें कथित तौर पर एक विशेष स्थान के लिए अलग-अलग किराए दिख रहे थे। जैसे ही उनका पोस्ट वायरल हुआ, उबर ने आरोपों का जवाब देते हुए इस बात से इनकार किया कि कीमत इस्तेमाल किए गए फोन के प्रकार पर आधारित है। कंपनी ने किराए में किसी भी अंतर के लिए पिक-अप पॉइंट, आगमन के अनुमानित समय (ईटीए) और ड्रॉप-ऑफ पॉइंट में भिन्नता को जिम्मेदार ठहराया।
हालांकि, जल्द ही अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने भी आरोप लगाया कि एंड्रॉइड और आईओएस उपकरणों के माध्यम से बुकिंग करते समय उनसे समान सवारी के लिए अलग-अलग किराया वसूला जा रहा है। इसके बाद अब केंद्र सरकार ने एक्शन लिया है और दोनों ही कंपनी को नोटिस भेजा है।