उद्योग, विद्युत और पॉल्यूशन से जुडी समस्याओं पर बैठक
रांची : झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के उद्योग, एनर्जी और पॉल्यूशन कमिटी की संयुक्त बैठक
चैंबर भवन में संपन्न हुई. बैठक के दौरान सदस्यों द्वारा मैनुफैक्चरिंग सेक्टर की
समस्याओं पर चिंता जताई गई और कहा गया कि देश को मैनुफैक्चरिंग हब बनाने
के लिए इस सेक्टर की चुनौतियों को दूर करना आवश्यक है.
यह कहा गया कि मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के प्रोत्साहन के लिए आवश्यक है कि
जियाडा द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए 60 फीसदी भूमि रिजर्व रखी जाय,
उसके बाद ही सर्विस सेक्टर और कमर्शियल सेक्टर को भूमि आवंटित की जाय.
आवश्यक फंड मुहैया कराये जियाडा
बैठक के दौरान उद्योग उप समिति के चेयरमेन बिनोद अग्रवाल ने कहा कि
जियाडा द्वारा पीसीसी की बैठक के आयोजन से 10 दिन पूर्व सभी प्रोजेक्ट को
झारखण्ड चैंबर और अन्य औद्योगिक संगठनों को जियाडा द्वारा भेंजा जाना सुनिश्चित करना
चाहिए ताकि बैठक में हम उचित मंतव्य दे सकें. बैठक के दौरान इंडस्ट्रीयल एरिया की साफ-सफाई व्यवस्था पर भी चिंता जताई गई और यह मांग की गई कि जियाडा द्वारा प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित स्थानीय एसोसिएशन को औद्योगिक क्षेत्र की सफाई और मेंटनेंस के लिए आवश्यक फंड मुहैया कराने की व्यवस्था की जाय. जियाडा के इस प्रयास से औद्योगिक क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने में स्थानीय एसोसिएशन सहयोगात्मक भूमिका निभा सकते हैं.
सरकार निजी हाथों में सौंपे विद्युत वितरण व्यवस्था
बैठक के दौरान सदस्यों ने राज्य की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पर भी असंतोष जताया और कहा कि सरकार को अब अधिक विलंब नहीं करते हुए विद्युत वितरण व्यवस्था को निजी हाथों में दिया जाना चाहिए. यह भी निर्णय लिया गया कि तात्कालिक परेशानियों के लिए बिजली वितरण निगम लिमिटेड के उच्चाधिकारियों से मिलकर वार्ता की जायेगी.
व्यापार में होनेवाली कठिनाईयों पर चर्चा
पॉल्यूशन कमिटी की आयोजित बैठक में केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण द्वारा भू-जल के समस्त उपयोगकर्ताओं को सीजीडब्ल्यूए से भू-जल निकालने के लिए एनओसी लेने के प्रावधान से व्यापार जगत के समक्ष होनेवाली कठिनाईयों पर चर्चा की गई. यह कहा गया कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की अवधारणा के अनुरूप केंद्र सरकार द्वारा जब नियमित रूप से कानूनी जटिलताओं का सरलीकरण करने के साथ ही आज के परिप्रेक्ष्य में अनावश्यक हो चुके कानूनों को समाप्त करने की दिशा में नित्य प्रयास किये जा रहे हैं, ऐसे समय में यह कानून औचित्यहीन है तथा यह लोगों पर कंप्लायंस का एक अतिरिक्त भार होगा, जिसपर पुनर्विचार करते हुए इस कानून को स्थाई रूप से समाप्त किया जाना चाहिए.
चैंबर पत्रिका के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स को किया जायेगा जागरूक
यह निर्णय लिया गया कि उप समिति द्वारा इस मामले में प्राधिकरण से वार्ता की जायेगी. बैठक के दौरान झारखण्ड राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा गठित राज्यस्तरीय सलाहकार समिति को सक्रिय करने, ईपीआर गाइडलाइंस 2022 के प्रावधानों से सदस्यों को जागरूक करने और पॉल्यूशन संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाओं को चैंबर पत्रिका के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स को जागरूक करने का भी निर्णय लिया गया.
चैंबर बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, महासचिव डॉ. अभिषेक रामाधीन, सह सचिव रोहित पोद्दार, शैलेष अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनिल केडिया, उद्योग उप समिति चेयरमैन बिनोद अग्रवाल, उर्जा उप समिति चेयरमैन बिनोद तुलस्यान, पॉल्यूशन उप समिति की चेयरपर्सन खुशबू कटारूका मोदी, प्रवक्ता ज्योति कुमारी, पूर्व अध्यक्ष पवन शर्मा, सदस्य अजय भंडारी, रवि टिबडेवाल, नदीम आलम, सुरेश अग्रवाल, बिजय चौधरी, निखिल केडिया, संतोष अग्रवाल, अतुल गेरा, शैलेंद्र सुमन सहित अन्य उपस्थित थे.