रांची: कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने हाल ही में चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी की कार्यशैली और चंपई सोरेन को मिले सम्मान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी ने चंपई सोरेन का सम्मान अभी से ही कम कर दिया है और यह पूरे देश को दिखाता है कि बीजेपी अपने लोगों को कैसे तवज्जो देती है।
सिन्हा ने आरोप लगाया कि चंपई सोरेन को दिल्ली में 10 दिनों तक भटकने के बाद भी अमित शाह से मुलाकात करने का मौका नहीं मिला। उनके अनुसार, यह स्थिति खुद में यह दिखाती है कि बीजेपी की प्राथमिकता और सम्मान की भावना पर सवाल उठते हैं। सिन्हा ने कहा, “झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने चंपई सोरेन को आदरणीय सम्मान दिया और राज्य का बागडोर सौंपा। लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके साथ जो व्यवहार हुआ, वह खुद में एक सवाल खड़ा करता है।”
सिन्हा ने चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के मामले में अन्य पूर्व नेताओं के उदाहरण दिए, जैसे कि गीता कोड़ा और सीता सोरेन, जिन्होंने बीजेपी में शामिल होने के बाद सम्मान में गिरावट देखी। उनका कहना है कि ये उदाहरण दिखाते हैं कि बीजेपी में शामिल होने के बाद नेताओं की स्थिति खराब हो जाती है, और यह पार्टी की नीति और सिद्धांत पर सवाल उठाता है।
राकेश सिन्हा ने यह भी कहा कि चंपई सोरेन की बीजेपी में शामिल होने से महागठबंधन को कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन पूरी तरह से मजबूत है और 81 विधानसभा सीटों पर उनकी तैयारी पक्की है। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन कोल्हान और संथाल क्षेत्रों में पूरी तरह से मजबूत है और उनकी पार्टी के पास जनता का समर्थन है।
सिन्हा ने चंपई सोरेन को सलाह दी कि वे अपनी राजनीति की दिशा पर विचार करें और बीजेपी में शामिल होने से पहले अपनी स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करें। उनका कहना है कि यदि चंपई सोरेन का ट्रैक गलत दिशा में जा रहा है, तो यह उनके लिए खतरे का संकेत हो सकता है।