चमरा लिंडा ने हेमंत सोरेन की पीठ पर छुरा घोंपा है-सुखदेव भगत

चमरा लिंडा ने हेमंत सोरेन की पीठ पर छुरा घोंपा है-सुखदेव भगत

लोहरदगाः लोकसभा चुनाव में लोहरदगा सीट इस बार काफी रोमांचक होने वाली है। इस बार इस सीट से कांग्रेस के सुखदेव भगत बीजेपी के समीर उरांव को टक्कर देते हुए नजर आएंगे, तो वहीं इस सीट से चमरा लिंडा ने भी नॉमिनेशन करके सबकी चिंता बढ़ा दी है। बीजेपी के समीर उरांव और चमरा लिंडा ने निर्दलीय रुप में कल ही अपना नामांकन किया तो वहीं आज कांग्रेस के सुखदेव भगत ने नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान न्यूज 22 स्कोप से चुनाव को लेकर उन्होंने खास बातचीत की। पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश—-

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सुखदेव भगत आज नामांकन करने के दौरान एक हाथ पर महात्मा गांधी की तस्वीर लिए हुए दिखे तो वहीं दूसरे हाथ में संविधान की एक तस्वीर थी। इस पर हमारे संवाददाता के सवाल करने पर उन्होंने कहा कि 2024 का ये चुनाव लोकतंत्र बचाने का है। जबसे मोदी सरकार आई है तबसे ही उन्होंने देश के संविधान से छेड़छाड़ करते हुए देश का रंगरुप ही बदल दिया है। महज कुछ कॉरपोरेट घरानों की केन्द्र सरकार कठपुतली बनकर रह गयी है। इसी का नतीजा है कि आज ज्यादातर सरकारी विभागों का निजीकरण कर दिया जा रहा है। मोदी सरकार देश की संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रही है। यूसीसी के जरिए मोदी देश को अंधेर में ढकेलना चाहते हैं। आगे उन्होंने आदिवासियों की बात करते हुए कहा कि हम आदिवासियों की अपनी कोई लिखित संविधान नहीं है। हमारी संस्कृति अलग है, हमारी परंपरा अलग है। हमारा समाज कस्टमरी लॉ पर चलता है। यहीं वजह है कि मोदी सरकार ने अभी तक हमें सरना कोड नहीं दिया है। मोदी ने अन्य धर्म का कॉलम भी हटा दिया है।

चमरा लिंडा ने जेएमएम के साथ विश्वासघात किया है

चमरा लिंडा के निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि या तो चमरा लिंडा नादान है या फिर वे ऐसा जानबूझकर कर रहे हैं। आदिवासियों के लिए जब संघर्ष का वक्त आया तो उन्होंने नॉमिनेशन कर दिया। राज्य के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को साजिश के तहत जेल में डाल दिया गया, उन्होंने झुकना स्वीकार नहीं किया। हेमंत सोरेन का नारा है झारखंड झुकेगा नहीं इंडिया रुकेगा नहीं, पर चमरा लिंडा के मामले में ऐसा लगता है कि उन्होंने हेमंत सोरेन के पीठ में छुरा घोपा है, उनके साथ विश्वासघात किया है। चमरा लिंडा आदिवासियों की चली आ रही लंबी लड़ाई को कम करना चाहते हैं। अगर उनमें थोड़ी से भी नैतिकता होती तो वे चुनाव लड़ने के लिए पहले जेएमएम से इस्तीफा देते उसके बाद निर्दलीय चुनाव लड़ते। यह बात हेमंत सोरेन और जेएमएम को कचोट रहा होगा कि वे एक सम्मानित विधायक होते हुए इस तरह का कार्य कर रहे हैं।

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वहीं चमरा लिंडा के चुनाव लड़ने से वोट बंटने के सवाल पर सुखदेव भगत ने शायराना अंदाज में कहा कि राजनीति में दो और दो नहीं होता है बल्कि राजनीति में दो और दो बहुत कुछ होता है। उन्होंने हैंडपंप का उदाहरण देते हुए कहा कि हैंडपंप 4 फीट ऊंचा होता है तो वहीं वह जमीन के अंदर 40 फीट नीचे होता है। राजनीति को समझने वालों को पता है कि चमरा लिंडा किसके हाथों की कठपुतली है। जनता ने मन बना लिया है कि किसे जिताना है। निश्चित रुप से एकतरफा मुकाबला होने वाला है।

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