पटना: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और उनके चाचा पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। चाचा भतीजा के इस तनातनी में हमेशा अपने आप को बेहतर और मजबूत दिखाने की लड़ाई चल रही है। चाचा भतीजा और उनकी पार्टी के बीच अक्सर जुबानी जंग जारी है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक बार फिर अपने चाचा पशुपति पारस पर बड़ा बयान दिया है।
चिराग ने साफ शब्दों में कहा कि वे कही एनडीए में थे ही नहीं। अलग तो वह होता है जो साथ में हो वह तो एनडीए में थे ही नहीं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी वे एनडीए से अलग थे और अब भी वे एनडीए से अलग ही हैं। अलग तो वह होता जो किसी चीज का हिस्सा हो। इस दौरान चिराग पासवान ने बीते दिन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण मामले में श्रेय लेने के मामले में कहा कि सही बात है सब उन्ही के नेतृत्व में हुआ है। उनके ही निर्णय से हुआ है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 2005 से सिर्फ उन्ही के नेतृत्व में तो सारा काम कर रहे हैं। इन लोगों के अंदर हर चीज का श्रेय लेने की इतनी होड़ है कि क्या कहें। अगर उनके अंदर विकास की सोच थी कि किस तरह से नौकरियां सृजित की जा सकती है तो फिर 1990 के दशक में इतनी संख्या में पलायन क्यों हुई? आज भी उस दौर लोग सिर्फ और सिर्फ भय की वजह से याद करते हैं। यहाँ से जो पलायन हुआ उसके जनक कौन थे। यह सब को पता है कि राज्य में सारा काम कौन कर रहा है। वे लोग श्रेय लेते रहें, बाकि काम कर हम लोग जनता का विश्वास जीतते रहेंगे।
वहीं चिराग पासवान ने झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल को लेकर कहा कि सिर्फ एग्जिट पोल ही नहीं बल्कि 23 नवंबर को जब ईवीएम खुलेगा तो हम लोग चुनाव भी जीतेंगे। हमारी ही सरकार बनेगी।
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