रांची: रांची यूनिवर्सिटी (RU) में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए एक नई पहल की जा रही है। जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती, तब तक यूजी-पीजी के कला, विज्ञान और वाणिज्य पाठ्यक्रमों की कक्षाएं सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षकों और शोधार्थियों को अन्य कॉलेजों में भी पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
वीसी डॉ. अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में सोमवार को आईक्यूएसी में पीजी एचओडी और कॉलेजों के प्रिंसिपलों के साथ बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया। दूसरे कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का पैनल तैयार करने की जिम्मेदारी पीजी एचओडी को सौंपी गई है।
शिक्षकों की कमी से प्रभावित हो रही पढ़ाई
रांची के कई कॉलेजों और पीजी विभागों में कई विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षकों और रिसर्च स्कॉलरों को अपने विभाग के अलावा अन्य कॉलेजों में भी क्लास लेने के लिए कहा गया है।
गेस्ट फैकल्टी पर लगी रोक, नई नियुक्तियां अटकी
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा गेस्ट फैकल्टी की कक्षाएं लेने पर रोक लगा दी गई है। रांची यूनिवर्सिटी में 124 गेस्ट फैकल्टी पिछले 8-9 साल से विभिन्न विषयों में पढ़ा रहे थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया बंद कर दी गई है। इसके अलावा, नीड बेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया भी सरकार ने रोक दी है क्योंकि शिकायत मिली थी कि ओपन सीटों पर झारखंड के अभ्यर्थियों को पर्याप्त भागीदारी नहीं मिल रही है।
पहले चरण में रांची, दूसरे चरण में ग्रामीण कॉलेजों पर फोकस
पहले चरण में रांची के कॉलेजों और पीजी विभागों के शिक्षकों को अन्य कॉलेजों में क्लास लेने पर सहमति बनी है। दूसरे चरण में ग्रामीण कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए बैठक की जाएगी। कई ग्रामीण कॉलेजों में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं हैं, जिससे वहां की पढ़ाई बाधित हो रही है।
दूसरे कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों और रिसर्च स्कॉलरों को कन्वेयेंस भत्ता दिया जाएगा, ताकि वे सुचारू रूप से इस प्रक्रिया में सहयोग कर सकें।