2500 छात्रों को सीएम ने बांटा नियुक्ति पत्र

रांचीः राजधानी रांची के होटवार स्थित स्टेडियम में आज सीएम हेमंत सोरेन 2500 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। इस दौरान सीएम ने छात्रों को नियुक्ति पत्र दिया। इस दौरान सीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हमने सरकार बनाई थी तब से सरकार ठीक से कार्यभार संभाला भी नहीं था।

कोविड पूरे देश में फैला हुआ था, देश आजाद होने के बाद इस तरीके का पहली बार वैश्विक चुनौती कभी देखने को नहीं मिला था। ऐसी चुनौती सबसे अधिक गरीब पिछड़े राज्य के लिए होता है। जो लोग गरीब, मजदूर है उनके लिए ये चुनौती अभिशाप की तरह था। सब को अपने-अपने घरों में ताला लगा कर रहना पड़ा।

कई लोग इस राज्य से बाहर राज्य कमाने के लिए गए थे.. लॉकडाउन हुआ और वो लोग घर वापस आए। कई लोगों ने कोविड काल में अपनी जान गंवा दिए। और आज भी इस कोविड का असर से पूरे दुनिया उभर नहीं पाई है।

कोरोना के समय वैश्विक समस्या खड़ी हो गई थी

इतनी बड़ी वैश्विक समस्या रही उस वक्त समझ में नहीं आता था करे तो करे क्या। इस वैश्विक महामारी का दवा, ना हमारे पास अस्पताल, ना डॉक्टर का भरमार कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कई लोग बाहर फंस गए उनके लिए अलग चुनौती हो गई थी। फैक्ट्री ने उन्हें बाहर कर दिया गया था। उस वक्त बहुत पीड़ादायक स्थिति थी।

ऐसा मंजर भगवान न करे कभी देखने को मिले। लेकिन इस वैश्विक महामारी में सोचते रहते थे करे क्या, ताकि यहां की जनता सुरक्षित रहे। चुनौतियां बहुत थी, यहां के जनता और जो लोग बाहर कमाने गए थे।

झारखंड पहला राज्य था जहां के मजदूरों को हवाई जहाज से लाने का काम किया गया। ट्रेन ,बस,ट्रक जो मिला मजदूरों को लाने का काम किया गया। हमारे राज्य ने ऐसे लोग भी हैं जो एक दिन मजदूरी नहीं करेंगे तो उनके घर पर चूल्हा नहीं जलेगा। हमलोग ने उस चुनौती को मजबूती के साथ पर किया और गांव-गांव, पंचायत-पंचायत की महिलाओं ने कंधे से कंधा मिलाकर इस चुनौतियों का सामना किया।

दूसरे राज्यों के लोग इतना मरे की जमीन कम पड़ गई

इस कोरोना में दूसरे राज्यों के लोग इतना मरे की जमीन कम पड़ गई… लेकिन झारखंड में ऐसी नौबत नहीं आई किसी को मरने नहीं दिया। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों की जान चली गई…राज्य में जनता की सेवा करने में दो-दो मंत्रियों ने अपनी जान गंवा दी। जब स्थिति सुधरने लगी तो ये सोचने लगे कि यहां के लोगों को रोजगार से कैसा जोड़ा जाए अब यहां के राज्य के खनिज संपदा से दूसरे राज्यों का पेट भर रहा है।

इस राज्य में उद्योग पॉलिसी बनाया उस माध्यम से हमलोग के साथ टेक्सटाइल इंडस्ट्री से संवाद किया और इनलोगों ने बेहतरीन काम किया। यहां कोई भी उद्योग बनेगा उस पर 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। अब तक 50 हजार से अधिक निजी क्षेत्र में रोजगार देने का काम किया है।

नौकरी देने की चुनौती, राज्य सरकार के ऊपर बहुत दबाव है। कई उद्योग जो भारत सरकार के अधीन वो प्राइवेट के हाथो है। हर संभव प्रयास सरकार कर रही, ताकि यहां के लोगों को रोजगार मिले। स्वरोजगार से लोगों को जोड़ा जाए। सरकार ने सिर्फ रोजगार ही नहीं दिया बल्कि तरासने का भी काम किया है।

सरकार योजनाओं का लाभ लीजिए

सरकार ने कई योजनाएं बनाई है उसका लाभ लीजिए। स्वरोजगार में आप ज्यादा पैसा कमाएंगे और अपने साथ चार लोगों को भी कमाने का मौका देंगे। सिर्फ नौकरी ही नहीं खेती बाड़ी, पशुपालन कर के भी लोग कमा सकते हैं। रोटी, कपड़ा, मकान सब मनुष्य के लिए जरूरी है…चाहे वह अमीर हो या गरीब।

आज इस राज्य में कई ऐसे गरीब हैं जिसके घर में छत नहीं है वह असमर्थ है घर बनाने में….लेकिन सरकार ने बड़ी चुनौती ली है और यहां के हर एक लोगों को घर देने का काम किया है अबुआ आवास योजना के तहत। इस राज्य के सभी बेटियों को सावित्रीबाई फूले योजना के तहत लाभ दी जा रही है।

चुनौतियों से हम लड़ेंगे भी और आने वाली पीढियां को सुरक्षित रखेंगे भी। आने वाले समय में हमारे बेटा-बेटी लोग डॉक्टर, इंजीनियर जज बने इसके लिए हम लोगों ने उन बच्चों के लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड दिया है ताकि आने वाले समय में जो भी बच्चे डॉक्टर ,इंजीनियर, जज बनना चाहते हैं उन्हें पूरा खर्च राज्य सरकार देगी।

राज्य के गरीब छात्र विदेश में पढ़ेंगे

झारखंड में एक कानून बना हैं की राज्य के आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक के बच्चे विदेश में पढ़ेंगे और इसका पूरा खर्च राज्य सरकार देगी…आज उसका नतीजा है कि झारखंड के कई बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं, देश का यह पहला राज्य है। इसके पीछे का उद्देश्य है कि एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा समाज आगे बढ़ेगा।

आज 2500 बच्चों को निजी क्षेत्र में नियुक्ति दिया जा रहा है। आज यहां जितने भी लोगों को नियुक्ति मिल रहा है उनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हमलोग ने अपने राज्य ने ऐसी व्यवस्था बनाया है जो राज्य से बाहर काम करने के लिए जाते हैं उन्हें कोई भी दिक्कत हो तो स्कैन करें और हम लोग उनके तक मदद पहुंचाने की कोशिश करेंगे।

ईटली से युवक को सरकार ने वापस लाया

इटली में चाईबासा का एक युवक जिसकी मृत्यु हो गई, उसको यहां लाने में बहुत सारी दिक्कत हो रही थी उसमें भी हमने हस्तक्षेप किया और वापस लाने का प्रयास किया तो कई सारी चुनौतियां है।

इस देश की अर्थव्यवस्था पैरों से चलती है और जब तक हम चलते रहेंगे तब तक अर्थव्यवस्था ठीक है कोरोना में सभी लोग घर के अंदर रहने पर मजबूर हो गए। गाड़ी या पैदल चलना सब बंद हो गया। नतीजा यह हुआ कि अर्थव्यवस्था पूरे तरीके से ठप हो गया। सरकार हमेशा प्रयास करती है ताकि यहां के लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले।

सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए कानून भी बनाया है। इस कानून में कुछ ऐसा है कि कल को अगर किसी भी व्यक्ति जो बाहर कमाने गए हैं अगर उनके साथ कोई अनहोनी हो तो सरकार से मदद मिल जाएगी।

Share with family and friends: