RANCHI: सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में आज रांची की सड़कों पर जैन समाज के सैकड़ों महिला और पुरुष सड़कों पर उतरे. मौन जुलूस में शामिल महिलाओं ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने का नम्र निवेदन किया है. उन्होंने कहा कि सम्मेद शिखर जैन समाज के लोगों का पवित्र तीर्थ स्थल है. यहां से 20 तीर्थंकर मोक्ष को प्राप्त हुए थे. यह स्थान जैन समाज का है उनका ही रहने दें.
प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने कहा कि यह स्थान हमारा है इसे हमारा ही रहने दें. उन्होंने कहा कि अगर इस स्थल को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जाएगा तो वहां पर सभी लोगों का आगमन होगा. और फिर लोग वहीं नॉन वेज भी खाएंगे और शराब का सेवन भी करेंगे. इससे जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी. एक अन्य महिला ने कहा कि सरकार अगर सोचती है कि पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने से वहां सफाई रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा. ना ही वहां की पवित्रता रह पाएगी.
सरकार के फैसले से जैन समाज आहतः जैन धर्मावलंबी
सड़कों पर उतरी महिलाओं ने कहा कि सरकार के
इस फैसले से जैन समाज के लोग काफी आहत हैं.
उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.
बता दें कि झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार
ने पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित
करने की मंजूरी दी है. जैन समाज के लोगों का कहना है
हमारे लिए सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है. इसी को संरक्षित रखना
हमारा कर्तव्य है. समाज ने राज्य और केंद्र सरकार से फैसले को जल्द वापस लेने की मांग की है.
रिपोर्ट: मदन