रांची. सीएम हेमंत सोरेन ने आज मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 से 50 साल की उम्र की 56.61 लाख महिलाओं के खाते में 2500-2500 रुपये ट्रांसफर किये। कुल मिलाकर सीएम ने इस दौरान महिलाओं के खाते में लगभग 1415 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये। इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम को संबंधित करते हुए कहा कि हमने जो वादा किया था, उसे निभाया।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वादे के मुताबिक आज हजारों करोड़ रुपयों की सम्मान राशि मेरी बहनों के खाते में पहुंची है। लेकिन आज के इस भौतिकवादी युग में यह अभी भी चिंता का विषय है कि देश की आजादी के बाद कई नियम-नीतियां बनीं लेकिन न गरीबी दूर हुई और न ही महिलाओं का सशक्तिकरण ही हो पाया। देश की आधी आबादी तो हमेशा पिछड़ा रहने को विवश हुईं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ हम भारत को विश्व गुरु बनाने और ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प लेते हैं और दूसरी तरफ आधी आबादी को दरकिनार करते हैं। जब इस देश की आधी आबादी विकास से कोसों दूर हो तो देश और राज्य कैसे विकास कर सकता है? यह हमारी समझ से परे है।
सीएम हेमंत सोरेन बोले जो वादा किया, उसे निभाया
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि लोग महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। जब हमने राज्य की माताओं-बहनों को 1000 रुपये देना शुरू किया तो हमारे विरोधी हमारा मजाक उड़ाने लगे। जब हमने इस राशि को बढ़ा कर 2500 रुपये करने का संकल्प लिया तो भी उन लोगों ने इसका मजाक बनाया। ये लोग खुद 2100 रुपये का झूठ लेकर आये थे। विरोधियों के लिए उनका जुमला सिर्फ चुनाव तक ही सीमित था। और हमने अपना वादा निभाया, जो कहा सो किया।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य और देश को विकसित बनाने के लिए आप सभी माताओं-बहनों की बड़ी भूमिका होने जा रही है। आप अपने सपनों को साकार करने के लिए स्वतंत्र रूप से अपने निर्णय के साथ आगे बढ़ेंगी। मंईयां सम्मान के तहत हमने ऐसी व्यवस्था आपको दी है जिसके माध्यम से आप सपना देखेंगी भी और उस सपने को पूरा करने की क्षमता भी आपके हाथ में होगी।
अबुआ सरकार ने महिलाओं को दी ताकत
उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष एक समान और एक ताकत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन आज भी महिलाओं को वह ताकत नहीं मिल पाई है। उन्हें वह रस्ता नहीं मिला, जिसके माध्यम से वे खुद का और अपने घर-परिवार का विकास करते हुए राज्य और देश के विकास का हिस्सा बन पाए। अबुआ सरकार ने राज्य की आधी आबादी को मंईयां सम्मान के साथ उन्हें वह ताकत देने का काम किया है।