डिजीटल डेस्क : सीएम योगी – बांग्लादेश का जिक्र किए बिना बोले कि पड़ोसी मुल्क में खोज कर मारे जा रहे हिंदू, सनातनियों को एक होना होगा । अंतरराष्ट्रीय स्तर सुर्खियों में छाए बांग्लादेश में तख्तापलट और जारी हिंसा पर पहली बार बुधवार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने अंदाज में तल्ख लहजे में बोले। दो दिवसीय अयोध्या दौरे पर पहुंचे सीएम योगी ने अपने संबोधन में बांग्लादेश का नाम तो नहीं लिया और ना ही खुलकर एकबार भी उसका जिक्र किया लेकिन उनकी टिप्पणी को बांग्लादेश प्रकरण से ही जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में मची उथलपुथल और वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर बांग्लादेश का नाम लिए बिना कहा कि आज पड़ोसी मुल्कों में हिंदुओं को खोज कर मारा जा रहा है। मठ और मंदिर तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सीख लेनी होगी और सनातन की रक्षा के लिए एक होना होगा।
सीएम योगी बोले – इतिहास से सबक न लेने पर लगते हैं ऐसे ग्रहण
बांग्लादेश के हालात पर आवाज उठाते हुए बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप दुनिया की तस्वीर वर्तमान में देख रहे होंगे और तब भी हम इतिहास के उन परतों को ढूंढने का प्रयास नहीं कर रहे हैं कि इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्यों वहां क्यों पैदा हुई है? जो समाज इतिहास की गलतियों से सबक नहीं सीखता है, उसका उज्जवल भविष्य पर भी ग्रहण लगता है। सनातन दरों पर आने वाले संकट के लिए फिर से एकजुट होकर के कार्य करने और एकजुट होकर के लड़ने की आवश्यकता है। सीएम योगी ने राम मंदिर की बात याद दिलाते हुए कहा कि राम मंदिर का निर्माण यह केवल मंजिल नहीं है। यह एक पड़ाव है और इस पड़ाव के आगे भी निरंतरता देनी है, क्योंकि सनातन धर्म की मजबूती इन सब अभियानों को एक नई गति देता है। बांग्लादेश में हो रही हिंसा उस वक्त ज्यादा भड़क गई जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद से ही प्रदर्शन कर रहे लोगों ने और भी ज्यादा उत्पात मचाया है।
ब्रह्मलीन रामचंद्रदास परमहंस की 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर दिगंबर अखाड़े में मूर्ति का किया अनावरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रथम बेला में दिगंबर अखाड़े में राम मंदिर आंदोलन के महानायक ब्रह्मलीन रामचंद्रदास परमहंस की मूर्ति का अनावरण किया। रामचंद्रदास की 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उन्होंने कहा कि उनका पूरा जीवन राम जन्मभूमि के लिए समर्पित था। उन्होंने राम मंदिर को अपने जीवन का मिशन बनाया। परमहंस की मूर्ति को देख ऐसा लगा कि अभी वह कुछ बोलने वाले हैं। मुझे मूर्ति स्थापना का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गोरक्षपीठ, दिगंबर अखाड़ा एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ के सानिध्य में वह आंदोलन में अग्रणी रहे। इस मौके पर अयोध्या के संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राम मंदिर आंदोलन के महानायक रामचंद्र दास परमहंस के नाम से चौराहा बनाने और वहां उनकी मूर्ति स्थापित करने की मांग की।
सीएम योगी बोले – पूरे देश मे मिल रहा अयोध्या को सम्मान, इसे सुरक्षित करना होगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि गोरक्षपीठ और दिगंबर अखाड़ा एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ के सानिध्य में आंदोलन में अग्रणी रहे। आज अयोध्यावासियों को पूरे देश में सम्मान मिल रहा है। सम्मान मिलता नहीं सम्मान सुरक्षित करना होगा। सीएम ने कहा कि संतों की पहचान यही है। परमहंस जी सोच रहे होंगे कि मेरा संकल्प पूरा हुआ।उनका आशीर्वाद पीएम नरेंद्र मोदी को भी प्राप्त हुआ। राम मंदिर आंदोलन के यज्ञ की पूर्णाहुति में उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। आत्मा अजर अमर है। उसको कोई मार नहीं सकता है। परमहंस जी वापस दिगंबर अखाड़ा में विराजमान हो गए हैं। परमहंस महराज जी मेरे गुरु के गुरु थे। मेरे गुरु हमेशा यह जानना चाहते थे कि परमहंस जी कैसे थे। उनकी सरलता के कारण कोई नहीं जान सकता था कि वो कितने बड़े नेतृत्वकर्ता हैं, कितने बड़े गुरु हैं, कितने चमत्कारी हैं। मूल्य और आदर्श के लिए परमहंस जी हमेशा डटे रहे। दुनिया की तस्वीर वर्तमान में देख रहे होंगे। इससे पहले मंगलवार की शाम को सीएम योगी ने सरयू तट पहुंचे और श्रीराम मंदिर के जारी शेष निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। प्रभु श्रीराम मंदिर के दर्शन पूजन किए और उससे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में मतथा टेका।