डिजीटल डेस्क : CM Yogi – यूपी मानव-वन्य जीव संघर्ष को आपदा घोषित करने वाला पहला राज्य, जनहानि पर 5 लाख आर्थिक अनुदान। मंगलवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 647 वन रक्षकों – वन्यजीव रक्षकों एवं 41 अवर अभियंताओं को नियुक्ति पत्र वितरित करने के दौरान CM Yogi आदित्यनाथ ने तराई जिलों में जंगली भेड़ियों के आंतक पर भी बोले।
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कहा कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने मानव-वन्य जीव संघर्ष को आपदा घोषित करते हुए जनहानि होने पर या घायल होने पर 5 लाख रुपये की सहायता देने की व्यवस्था की है। साथ-साथ सर्पदंश से भी किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उसे भी आपदा की श्रेणी में लेते हुए पीड़ित परिवार को तत्काल 5 लाख रुपये की मदद मुहैया कराई जाती है।
एंटी स्नेक वेनम हर जिला अस्पताल और सीएचसी पर रखने की व्यवस्था भी की गई है।
‘मानव – वन्य जीव संघर्ष रोकने को तराई इलाकों में होगी फेंसिंग’
तराई जिलों में जंगली भेड़ियों के हमलों से जनहानि का जिक्र करते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘इस दिशा में व्यापक पैमाने पर कार्य किए जाने की आवश्यकता है। वनों के अवैध कटान को रोकने की आवश्यकता है। वनों को नुकसान पहुंचाने वाले अवैध खनन को रोकने की आवश्यकता है।
वन्य जीवों की सीमा का उल्लंघन करने वाले शिकारियों के खिलाफ भी सख्ती से कार्रवाई करनी होगी। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है। उसी का कारण है कि आज वनाच्छादन भी बढ़ा है और तेंदुआ, टाइगर समेत वन्य जीवों की संख्या भी उत्तर प्रदेश के जंगलों में बढ़ी है। लेकिन मानव वन्य जीव संघर्ष को हर हाल में रोकना है।
इसके लिए वन विभाग और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को स्थानीय लोगों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित करते हुए व्यापक स्तर पर समन्वित पहल करना जरूरी है, सामूहिक प्रयास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
इसके लिए हमें अपने तराई के इलाकों में जंगल से सटे बार्डर वाले खेतों में इलेक्ट्रिक या सोलर फेंसिंग (बाड़बंदी) कर लें थोड़ी-थोड़ी दूरी पर तो हल्के शॉक से फिर जंगली जानवर उन खेतों से दूर रहेंगे। वन विभाग को इसके लिए हमने धनराशि भी दी है। प्राथमिकता के आधार पर उन सीमाई इलाकों में फेंसिंग करें ताकि जनहानि को रोक सकें और मानव-वन्य जीव में संघर्ष को बचा सकें।
इसके लिए स्थानीय स्तर पर व्यापक पैमाने पर लोगों को प्रशिक्षित करना होगा और जागरूक बनाना होगा। इसकी तैयारी करनी पड़ेगी। न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से हमें देखने को मिल रहा है कि वन्य जीव हिंसक हो रहे हैं, वन्य जीव और मानव के बीच संघर्ष के कारण जनहानि हो रही है।
स्वाभाविक रूप से हम सबके लिए यह तात्कालिक रूप से चिंता का विषय है क्योंकि एक भी जनहानि परिवार और समाज के लिए हानि होती है। इस हानि के कारण के बहुत सारे परिवार अनाथ हो जाते हैं। इसका कारण क्या है।
स्वाभाविक रूप से जब वन्य जीव के कमांड एरिया में जलभराव और अतिक्रमण होगा तो वह उससे दूसरे क्षेत्र को पलायन करेगा और आसानी से मानव बस्तियां इसके चपेट में आती हुई दिखाई देती हैं। हमें इसके लिए स्वयं प्रशिक्षित होना है और फिर स्थानीय नागरिकों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित करना है।
तराई क्षेत्र के जिन-जिन जनपदों में ये शिकायतें मिली हैं, वहां पल जंगल और खेती एक-दूसरे से सटे हुए हैं। याद रखना, जीवन चक्र मनुष्य के साथ ही जीव और जंतुओं के साथ मिलकर बना हुआ है। इसके बगैर प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा नहीं हो सकती’।

CM Yogi बोले – अगले 5 साल में यूपी का लक्ष्य 15 फीसदी तक वनाच्छादन
CM Yogi ने आगे कहा कि – जलवायु परिवर्तन का जो सबसे बड़ा संकट है, वह घटते हुए जंगलों और वनाच्छादन क्षेत्रों का है। हमारे सामने जो चैलेंज है, वह अनियंत्रित, अवैज्ञानिक और अनियोजित विकास भी है। प्लास्टिक का बेतरतीब उपयोग भी बड़ी वजह है।
पर्यावरण के लिए घातक वस्तुओं के इस्तेमाल पर तमाम लगाम लगाने के बावजूद भी किसी न किसी स्तर पर दुरूपयोग होता है। पहाड़ी क्षेत्रों पर कभी जाने का अवसर प्राप्त होता है तो वहां हम देखते हैं कि किसी भी सीजन में वहां जगलों से धुआं उठता हुआ दिखाई देता है। जंगल जल रहे होते हैं।
जंगल जलेंगे तो पर्यावरण को भारी नुकसान होगा, भूस्खलन होगा, असमय जलवायु परिवर्तन के तमान दुष्परिणामों का सामना न केवल वन्य जीवों को करना पड़ेगा बल्कि मानव भी उससे नहीं बच सकता। यही कारण है कि वन के दायरे कम होने से मानव और वन्य जीवों के बीच संघर्ष की नौबत भी आती है।
और इसीलिए आज से साढ़ 7 वर्ष पहले हमने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया था कि वनाच्छादन बढ़ाना है। 2028-29 तक हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश में वनाच्छादन 15 फीसदी तक कर सकें। इसके लिए प्रतिवर्ष हम रिकार्ड मात्रा में पौधरोपण कर रहे हैं। अब तक 210 पौधारोपण का कार्यक्रम हमने पूरा किया है।

CM Yogi की घोषणा – ‘पराली प्रदूषण रोकने को यूपी में लग रहे 100 बायो कंप्रेस यूनिट’
CM Yogi ने इसी क्रम में एक और बात की। कहा – ‘कि एनसीआर (नेशनल कैपिटल रीजन) के क्षेत्र में नवंबर से लेकर फरवरी तक हमेशा सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुननी पड़ती है स्मॉग के कारण। दिल्ली के अंदर दमघोंटू वातावरण हो जाता है। उस समय श्वांस के रोगी घर के बाहर निकल पाते।
लगातार न्यायालय इन मसलों को गंभीरता से लेती है और एनजीटी समेत तमाम न्यायिक संस्थाओं की ओर से आदेश पारित होते हैं। सबकी चिंता एक ही है कि प्रदूषण। लोगों ने सस्ता-सा रास्ता अपना लिया है कि धान की कटाई हो चुकी है, पराली को आग लगा दो।
आज इसके लिए बॉयो कंप्रेस यूनिट लग रही है जिससे किसान धान का दाम तो पाएगा ही, पराली का भी दाम प्राप्त कर सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में अनेक कार्यक्रम बनाए हैं। हमारा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश में कम से कम 100 बॉयो कंप्रेस यूनिट लगाएं। उनमें से कुछ लग चुके हैं और अच्छी प्रगति है।
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और वैकल्पिक ऊर्जा विभाग को इस दिशा में पहल करनी होगी ताकि इससे बनने वाले इथेनॉल के उत्पादन में उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य बन सके’।