पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति चरम पर है। इस बीच चुनाव आयोग के गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य का भी विपक्ष पुरजोर विरोध कर रहा है। इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने एक प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने बिहार में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर कहा कि हमलोगों ने दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात कर बिहार के वोटरों की कठिनाई से अवगत कराया है।
बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने कहा कि चुनाव जो 11 दस्तावेज की मांग कर रहा है वह जनता के साथ षड्यंत्र के तहत धोखा और अन्याय है। आयोग की प्रक्रिया शिथिल है। सारा अधिकार निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी को दिया गया है और ब्यूरोक्रेट हमेशा ही सरकार के लिए काम करते हैं। सरकार के निर्देशों के अनुसार ही वोटर लिस्ट में लोगों का नाम जोड़ा या हटाया जा सकता है। चुनाव आयोग ने पहले प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि पहले वाले वोटर लिस्ट से ही चुनाव होगा लेकिन अब मतदाता पुनरीक्षण कार्य करवाया जा रहा है। इससे सत्ता पक्ष को फायदा होगा।
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बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने कहा कि चुनाव आयोग पर सरकार की तरफ से जरुर दबाव बनाया गया होगा तभी चुनाव आयोग ने अपना फैसला बदला है। चुनाव आयोग पर सरकार का इतना अधिक दबाव है कि आनन फानन में 25 दिनों में गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य का फैसला ले कर करवाया जा रहा है। गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर महागठबंधन लगातार विरोध कर रहा है और अब सड़क पर भी उतरेगा। हमलोग बिहार में चक्का जाम करेंगे और सफलता मिलने पर और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।
बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने कहा कि चुनाव आयोग ने जिन कागजों की मांग है वह मेरे पास भी नहीं है, मुझे भी खोजना होगा। हां हम पढ़े हैं और मैट्रिक पास किये हैं तो एक मैट्रिक का सर्टिफिकेट मेरे पास हो सकता है ऐसे में बिहार की गरीब जनता के पास क्या कागज उपलब्ध होगा यह तो समझने वाली बात है।
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