Ranchi: राजधानी में एक डॉक्टर को दुबई से कॉल और व्हाट्सएप मैसेज के जरिए 2 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। धनबाद के कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान के नाम पर दी गई इस धमकी से पूरे चिकित्सा समुदाय में दहशत फैल गई है। इस संबंध में डॉ. समित मधुप लाल (52 वर्ष) ने अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। वे कडरू स्थित डॉक्टर लाल्स हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के संचालक हैं।
दुबई नंबर से आया धमकी भरा वॉयस मैसेज :
प्राथमिकी में डॉ. लाल ने बताया कि 7 अक्टूबर की रात करीब 10:30 बजे उनके मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप के जरिए एक अज्ञात नंबर (+44-7449856308) से धमकी भरे संदेश और वॉयस मैसेज आए। कॉल करनेवाले व्यक्ति ने खुद को प्रिंस खान बताते हुए कहा कि वह “दुबई से बोल रहा है।” वॉयस मैसेज में उसने कहा कि यदि डॉक्टर दो करोड़ रुपये की रंगदारी राशि नहीं देंगे, तो वह और उनका परिवार गंभीर परिणाम भुगतेगा। डॉक्टर के अनुसार, संदेशों की भाषा अत्यंत आपत्तिजनक, डराने और आतंकित करनेवाली थी।
पूर्व विवाद से जुड़ा शक :
डॉ. समित मधुप लाल ने पुलिस को बताया कि उन्हें शक है कि धमकी के पीछे राजेश कुमार सिंह उर्फ बंटी और अमाल खान का हाथ हो सकता है। दोनों पर पहले भी वित्तीय धोखाधड़ी, धमकी और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप लग चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन दोनों के खिलाफ उन्होंने अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी —
- अरगोड़ा थाना में बंटी के खिलाफ
- सिकिदिरी थाना में अमाल खान के खिलाफ
दोनों आरोपी अदालत से सजा होने के बाद फिलहाल जमानत पर रिहा हैं। डॉक्टर ने यह भी कहा कि अदालत ने बंटी को हर महीने अरगोड़ा थाना में हाजिरी देने का आदेश दिया था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
साइबर सेल कर रही तकनीकी जांच :
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अरगोड़ा थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर सेल को भी जांच में लगाया गया है ताकि यह पता चल सके कि कॉल और संदेश वास्तव में दुबई से किए गए थे या किसी ने अंतरराष्ट्रीय नंबर का दुरुपयोग किया। पुलिस ने डॉक्टर और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है। रांची पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला गंभीर साइबर और आपराधिक धमकी से जुड़ा है और जल्द ही कॉल करनेवाले की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
डॉक्टर समुदाय में दहशत :
इस घटना के बाद रांची के चिकित्सक समुदाय में दहशत का माहौल है। डॉक्टरों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई की जाए ताकि अपराधियों में भय और कानून व्यवस्था पर भरोसा कायम रहे। फिलहाल पुलिस इस मामले को उच्च प्राथमिकता पर जांच रही है। अधिकारियों ने कहा कि यदि धमकी में प्रयुक्त नंबर या डिवाइस विदेश से जुड़ा पाया गया, तो इंटरपोल और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी सहयोग लिया जा सकता है।
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