कटिहार : कटिहार में बिजली विभाग की लचर व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। असामाजिक तत्वों द्वारा बिजली विभाग के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई है। पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हुई। पुलिस की फायरिंग से दो लोगों की मौत जबकि एक की हालत गंभीर है। पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने कहा कि गुनहगार बख्शे नहीं जाएंगे। पूरे मामले का जल्द खुलासा होगा।
आपको बता दें कि बीते बुधवार को बारसोई में बिजली विभाग की लचर व्यवस्था को लेकर हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन में 30 पंचायत के जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण शामिल थे। सभी लोग अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। बताया जाता है कि पूरे बारसोई अनुमंडल के ग्रामीण कई महीनों से बिजली के आपूर्ति की मांग कर रहे थे। इस भीषण गर्मी में बिजली विभाग के कर्मी द्वारा कई कई घंटों तक बिजली सेवा बाधित कर दिया जाता है। स्कूली बच्चों की पढ़ाई लिखाई बाधित हो जाती है। बिजली अगर आती भी है तो लो वोल्टेज के कारण मोबाइल फोन तक चार्ज नहीं होता है।
स्थानीय ग्रामीण इन सभी समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश पूर्ण धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। इसकी अनुमति प्रशासन द्वारा ली गई। गुरुवार को हजारों की संख्यां में बड़ी इकट्ठा हुई और शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दौरान भीड़ में शामिल कुछ असमाजिक तत्वों ने बिजली दफ्तर का घेराव करने पहुंच गए और वहां तोड़फोड़ करने लगे। बिजली कर्मियों पर हल्ला बोल दिया। घटना की सूचना पाकर भीड़ को नियंत्रण करने के लिए मौके पर पुलिस पहुंची तो पुलिस और ग्रामीणों में हिंसक झड़प हो गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण के लिए पहले लाठीचार्ज किया। उग्र भीड़ फिर भी नहीं मानी। जब स्थिति काबू में नहीं आई तो पुलिस ने बिजली कर्मियों के प्राण रक्षा के लिए और आत्मरक्षार्थ के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। घायलों में एक की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई।
बता दें कि मृतकों की पहचान खुर्शीद आलम और सोनू साह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि उग्र भीड़ के हमले में 12 से अधिक पुलिसकर्मी और बिजली विभाग के कर्मियों को चोटें आई हैं। सभी घायलों को बारसोई अनुमण्डल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है। अब स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की यह प्रतिक्रिया सामने आ रही है कि अगर पुलिस को गोली ही चलानी थी तो पैर में चलाती किस प्रकार गोली बारी की गई जिसमें दो युवक की मौत हो गई। जो बड़ा सवाल पैदा होता है।
वहीं, मृतक सोनू के पिता मानिकचंद साह ने कहा कि सोनू के बड़े भाई मोनू कुमार साह की दो महीने पहले ही बिजली ऑफिस में डाटा ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगी थी। बुधवार को जब प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की तो मोनू ऑफिस में छिप गया। उसने यह बात हमें फोन पर बताई। इसके बाद मेरा मंझला बेटा सोनू और छोटा बेटा उदित कुमार बड़े भाई को भीड़ से बचाने गए। दोनों बिजली ऑफिस पहुंचे इतने में ही पत्थर चलने लगे। फिर पुलिस ने फायरिंग कर दी। इसी दौरान मेरे बेटे सोनू के सिर में गोली लग गई। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
वहीं, मामले को लेकर कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया कि घटनास्थल पर अभी शांतिपूर्ण माहौल है। और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है। जो भी संवेदनशील जगह है वहां मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। हम लोग पूरे मामले का जांच कर रहे हैं। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कड़ी करवाई की जाएगी। वहीं, मामले में दो लोगों के मौत की पुष्टि एसपी जितेंद्र कुमार ने भी कर दिया है.जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। कटिहार में बिजली को लेकर बवाल पर दो की मौत और एक घायल होने के बाद जिले की राजनीति में तनाव का माहौल है, एक तरफ विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
वहीं सत्तापक्ष इस मामले पर राजनीति नहीं करने की सलाह देते हुए घटना के कारणों को मजबूती से रख रहे हैं। मृतक सोनू साह के भाई मोनू ने बताया कि बिजली विभाग के कार्यालय में प्रदर्शनकारी द्वारा पथराव की सूचना पर उनके भाई सोनू उसे लेने आया था। इस दौरान पुलिस की गोली लगने से भाई की मौत हो गई।
तौकीर रजा की रिपोर्ट