DGP अनुराग गुप्ता ने की विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की समीक्षा, पुलिस अधिकारियों को दिये ये निर्देश

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रांची. झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता ने प्रदेश के सभी जिलों के साथ विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण पर की समीक्षा बैठक की। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक, रांची, धनबाद, जमशेदपुर एवं सभी पुलिस अधीक्षक, झारखंड के साथ विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण पर बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

DGP ने बैठक में दिये ये निर्देश

DGP अनुराग गुप्ता ने 1 जनवरी 2024 से अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में रंगदारी/लेवी वसूलने के उदेश्य से अपराधियों/उग्रवादियों द्वारा संपत्ति (सम्मिलित वाहन) का नुकसान करने संबंधी काण्डों की समीक्षा करते हुए उनके विरूद्ध दर्ज काण्डों में हुई गिरफ्तारी, दर्ज काण्ड में कितने व्यक्तियों पर आरोप पत्र की स्थिति, कितने व्यक्ति इसमें फरार हैं एवं फरारियों के विरूद्ध वारंट/कुर्की जप्ती इत्यादि के बिन्दओं की विस्तृत जानकारी ली तथा लेवी का पैसा मांगने वाले के नम्बर का सत्यापन कराते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।

DGP ने सभी पुलिसकर्मियों, घनघोर नक्सल समस्याग्रस्त इलाकों को छोड़कर सभी पुलिसकर्मी/गृहरक्षकों, जैप एवं सैप सहित अन्य सभी बल के जवान, जिलों के ट्रॉफिक थानों में एवं पोस्टों पर तैनात, थानों में पदस्थापित/प्रतिनयुक्त पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों सहित, सभी पेट्रोलिंग पार्टी के जवानों को नियमित रूप से नेम प्लेट पहनने का निर्देश दिया।

सभी जिलों में कार्यरत महिला थानों की समीक्षा के दौरान महिला थाना में महिला थाना प्रभारी एवं अन्य महिलाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति, थाना को संचालित करने हेतु पर्याप्त स्थान, हाजत इत्यादि की आवश्यकता, नियमित रूप से महिला अपराध से संबंधित दर्ज प्राथमिकी की स्थिति, महिला थाना प्रभारी का जिला के अन्य थानों में हो रहे महिला संबंधी अपराधों में उपयोग, महिला थाना में भुक्तभोगी महिलाओं के साथ पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों का व्यवहार, महिला थानों में मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, प्रिंटर, गाड़ी एवं फर्नीचर इत्यादि की स्थिति की समीक्षा करते हुए अग्रतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

DGP ने राज्य के सभी AHTU (Anti Human Trafficking Unit) थानों की स्थिति, थाना में नियमित रूप से दर्ज प्राथमिकी की स्थिति, वादी/भुक्तभोगी के साथ पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों के व्यवहार पर विशेष बल दिया। AHTU केस में शुन्य प्राथमिकी दर्ज कर संबंधित थाना को भेजते हुए अविलम्ब अनुसंधान करने का निर्देश दिया।

साइबर थानों की समीक्षा के दौरान उन्होंने जिला में साइबर थाना के द्वारा किये जाने वाले कार्यों की स्थिति, Dial 1930 के उपयोग की जानकारी, अपराधियों के एकाउंट फीज करने संबधी कार्य, फ्रॉड की गई राशि को भुक्तभोगी को वापस दिलाने की प्रक्रिया की स्थिति पर विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की एवं दिशा-निर्देश दिये तथा अभियुक्तों की कुर्की जप्ती हेतु कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

झारखंड के DGP ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस कंट्रोल रूम की स्थिति की समीक्षा करते हुए प्रभारी, मूल-भूत संरचना यथा- कम्प्यूटर/टेलिफोन/वाईफाई कनेक्सन इत्यादि की उपलब्धता, घटना घटित होने पर जिले के थानों द्वारा नियमित रूप से कंट्रोल रूम को सूचित किये जाने, कंटोल रूम के पास वाहन की उपलब्धता, जीपीएस के माध्यम से पेट्रोलिंग गाड़ियों की लोकेशन, कंट्रोल रूम से वरीय अधिकारियों यथा-पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप-महानिरीक्षक/पुलिस मुख्यालय इत्यादि को ससमय सूचना भेजे जाने का निर्देश दिया।

JOFS (झारखण्ड ऑन लाइन प्राथमिकी) की समीक्षा करते हुए उन्होंने JOFS से दर्ज प्राथमिकी पर थाना स्तर से की जाने वाली कार्रवाई, प्राप्त ऑनलाइन शिकायत पर BNSS के प्रावधान के अनुरूप किये जाने वाली कार्रवाई के संदर्भ में जानकारी ली तथा अविलम्ब शिकायतों को निष्पादित करने का निर्देश दिया।

झारखंड के DGP ने Dial-112 की समीक्षा करते हुए सभी जिलों से Dial-112 में प्रतिदिन की शिकायत/रिपोर्ट की समीक्षा करने हेतु प्रतिनियुक्त अधिकारी, डायल 112 पर आ रही शिकायतों ससमय कार्रवाई, डायल-112 के द्वारा प्राप्त शिकायतों को संबंधित अधिकारियों को भेजने के बाद उसपर की जाने वाले कार्रवाई की जानकारी लेते हुए उसकी पृच्छा की तथा सभी पदाधिकारियों को टैब का उपयोग करने का सुझाव दिया।

उन्होंने राज्य के दुर्दान्त नक्सलियों एवं अपराधकर्मियों पर घोषित रिवार्ड, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक के द्वारा रिवार्ड घोषित करने का प्रस्ताव भेजे जाने के संबंध में जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

DGP ने रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, देवधर एवं पलामू शहर में ट्रैफिक की व्यवस्था की समीक्षा के दौरान शहर में ट्रैफिक लाइट की स्थिति, वहां बलों की प्रतिनियुक्ति, ट्रैफिक के कर्मियों की ट्रेनिंग, सरकार द्वारा अधिसूचित थाने, चिन्हित हॉट स्पाट, शहर में पार्किंग की स्थिति, Body Worn कैमरा/गाड़ियों में सीसीटीवी कैमरों के उपयोग की विस्तृत समीक्षा करते हुए सभी जगहों पर सीसीटीवी लगाने हेतु प्रतिष्ठानों, स्कूल, कॉलेज सहित, आम नागरिकों को जागरूक करने हेतु प्रयास करने का निर्देश दिया।

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