Dhanbad : जिले के निरसा में एग्यारकुण्ड प्रखंड अंतर्गत दो मुखिया अपने ग्रामीणों की पानी की समस्या को लेकर अड़े हुए हैं जबकि गर्मी दस्तक देते ही पेयजल की समस्या शुरू हो गई हैं। मामला एगयारकुंड दक्षिण पंचायत का है, ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिलने के कारण शनिवार को एगयारकुंड प्रखंड सह आंचल कार्यालय पहुंचे और पानी की विकराल समस्या से प्रखंड विकास पदाधिकारी इंद्रलाल ओहदार को अवगत कराया।
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ओहदार ने समस्या को देखते हुए पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारी एवं एगयारकुंड उत्तर पंचायत के मुखिया सह मुखिया संघ के अध्यक्ष काकुली मुखर्जी एव एगयारकुंड दक्षिण पंचायत के मुख्या अजय राम को बुलाया और वार्ता किया, लेकिन वार्ता बेनतीजा रहा। मुखिया अजय राम का कहना है कि हमारे पंचायत के लगभग दो सौ परिवार को इस प्रचंड गर्मी में पानी नहीं मिल पा रहा हैं।
Dhanbad : अपने पद का गलत उपयोग कर रही काकुली मुखर्जी-ग्रामीणों का आरोप
सभी परिवार को लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर पीने का पानी लाना पड़ रहा है जबकि हमारे पंचायत में जलमीनार है उस जल मीनार से चार पंचायतों को पेयजल आपूर्ति हो रही हैं। मगर हमारे पंचायत में चंद गिने चुने लोगों के घरों तक बड़ी मुश्किल से पानी मिल पा रहा हैं जबकी उत्तर पंचायत में दोनों टाईम पानी मिल रहा हैं। अगर एक भेल लग जाए तो दोनों पंचायतों को पेयजल आपूर्ति होती रहेगी परंतु काकुली मुखर्जी अपनी पद का दुरुपयोग करते हुए भेल लगाने पर विरोध जता रही हैं जिसके कारण ग्रामीणों में काफी रोष हैं।
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अगर जल्द से जल्द पंचायत को पानी नहीं मिलेगा तो उग्र आंदोलन होगा। वही मुखिया काकुली मुखर्जी का कहना हैं कि अगर पाईप में भेल लगा दी जाएगी तो हमारे पंचायत को पानी नहीं मिल पायेगा। पूर्व में भी दक्षिण के मुखिया द्वारा बिना किसी के अनुमती से भेल लगाने का प्रयास किया गया हैं जिसे रोका गया था। अगर भेल लगाया जायेगा और अगर मेरे पंचायत में पानी की किल्लत होगी तो मैं अपने ग्रामीणों के साथ कोई भी कदम उठाने को तैयार रहूंगा।
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जब इस मुद्दे पर पेयजल विभाग के अधिकारी सुमित सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि दक्षिण पंचायत के जलमीनार की क्षमता पांच हजार लीटर की है और प्रतिदिन तीन भरा जा सकता हैं। दो टाईम उत्तर पंचायत को पानी मिले और एक टाईम दक्षिण पंचायत को पानी मिलेगा। भेल लगाने से कोई दिक्कत नहीं होगा लेकिन मुखिया काकुली मुखर्जी राजी नहीं हैं। दोनों मुखिया बैठकर इस मुद्दे का समाधान कर सकते हैं अन्यथा ग्रामीणों को पानी से जूझना होगा। नया जल मीनार स्वीकृति हो चुकी हैं लेकिन निर्माण होने में लगभग दो वर्ष लगेगा। पेयजल स्वच्छता विभाग पानी देने को तैयार है।
आजाद अंसारी की रिपोर्ट–