रांची: जेएमएम में वरिष्ठ नेताओं के मोहभंग की स्थिति उभरकर सामने आई है। 30 अगस्त को जेएमएम के वरिष्ठ नेता चंपा सोरन भाजपा में शामिल होने वाले हैं, वहीं पार्टी के अन्य प्रमुख नेता लोबिन भी जल्द ही भाजपा का दामन थामेंगे।
चंपई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम के पार्टी बदलने की खबरें तब आईं जब जेएमएम के भीतर वरिष्ठ नेताओं को उचित तरजीह न मिलने की शिकायतें तेज़ हुईं। स्टीफन मरांडी, जो जेएमएम के एक प्रमुख नेता रहे हैं, ने भी हाल ही में पार्टी के प्रति अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा है कि पार्टी में सीनियर नेताओं को उचित सम्मान और स्थान नहीं मिल रहा है।
स्टीफन मरांडी ने कहा, “हमने पार्टी को झारखंड के हित में बनाए रखने के लिए पहले भी मेहनत की है। आज भी हमें अपने कार्यों पर गर्व है, लेकिन पार्टी के भीतर सीनियर नेताओं को उचित स्थान न मिलने की वजह से दुख होता है। हम अब भी पार्टी को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि हमारी मेहनत और योगदान को सही मायने में नहीं समझा जा रहा।”
लोबिन हेम्ब्रम ने भी इसी तरह की चिंताओं को साझा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में सीनियर नेताओं की अनदेखी की जा रही है, जिससे उन्हें और उनके जैसे अन्य नेताओं को दुख हो रहा है। लोबिन ने कहा कि पार्टी के भीतर फैसले लेते समय सीनियर नेताओं की राय को नजरअंदाज किया जा रहा है, जो कि पार्टी के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।
स्टीफन मरांडी ने 2005 में टिकट कटने के बाद जेएमएम से अलग होकर भाजपा का दामन थाम लिया था, लेकिन पार्टी की विचारधारा के कारण वह भाजपा में भी लंबे समय तक स्थिर नहीं रह सके। अब वह जेएमएम में सीनियर नेताओं के सम्मान की कमी के बावजूद पार्टी को जिंदा रखने की बात कर रहे हैं।
इस बदलाव के साथ, जेएमएम को पार्टी के भीतर हो रहे इन वरिष्ठ नेताओं के मोहभंग और पार्टी की बदलती परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। आगामी दिनों में पार्टी के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन समस्याओं का समाधान कैसे निकलता है और यह पार्टी की दिशा और भविष्य को कैसे प्रभावित करता है।