डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी उसी अमेरिकी संसद बिल्डिंग में होगी जहां उन पर चला था मुकदमा

डिजीटल डेस्क : डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी उसी अमेरिकी संसद बिल्डिंग में होगी जहां उन पर चला था मुकदमा। अमेरिका की सियासत में डोनाल्ड ट्रंप के लिए वक्त का पहिया घूमा है। अंब ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं ।

बतौर राष्ट्रपति वह कामकाज 20 जनवरी को 12 बजे उसी अमेरिकी संसद की बिल्डिंग कैपिटल से शुरू करेंगे जहां उन पर महाभियोगा का मुकदमा चला था।

दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप अपनी पत्नी और अमेरिका की नई फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प के साथ कैपिटल से व्हाइट हाउस में रहने के लिए चले जाएंगे।

कंगना रणौत ने साझा की ट्रंप और एलन मस्क  की एडिटेड फोटो…

इस बीच डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने पर भाजपा सांसद कंगना रणौत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर दिए गए बधाई संदेश में एक एडिडेट फोटो साझा किया है। इस फोटो में गेरुआ रंग का कपड़ा पहने हुए ट्रंप के साथ सारथी के रूप में एलन मस्क भी दिख रहे हैं। कंगना रणौत की ओर से साझा की गई यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई है। इस पर लोग लगातार लाइक, कमेंट कर रहे हैं और इसे साझा भी कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुई डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की एडिटेड फोटो वाली भाजपा सांसद कंगना रणौत की पोस्ट
सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुई डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की एडिटेड फोटो वाली भाजपा सांसद कंगना रणौत की पोस्ट

ट्रंप की ताजपोशी-शपथ ग्रहण की पूरी प्रक्रिया आई सामने….

अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का कामकाज 20 जनवरी से अमेरिकी संसद की बिल्डिंग कैपिटल से शुरू होगा। अमेरिका में शपथ ग्रहण कराने की जिम्मेदारी अमेरिकी संसद की एक संयुक्त समिति करती है। उसी क्रम में 6 जनवरी 2025 को इस समिति का गठन किया जाएगा। उसके बाद नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू होगी।

शपथ ग्रहण अमेरिकी समयानुसार 20 जनवरी को 12 बजे से शुरू होगा। उसमें ट्रम्प अपनी पत्नी मेलानिया ट्रम्प और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ पहुंचेंगे। उनकी पत्नी के हाथ में बाइबिल और अमेरिका का संविधान होगा, जिस पर डोनाल्ड ट्रम्प हाथ रखकर संविधान की रक्षा करने और अपने कर्तव्यों के पालन की शपथ लेंगे।

उनके कार्यक्रमों में बताया गया है कि निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प इसके बाद कैपिटल हिल बिल्डिंग में राष्ट्रपति कक्ष में जाकर कामकाज की शुरुआत में पहली फाइल पर दस्तखत करेंगे।

सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुई डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की एडिटेड फोटो
सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुई डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की एडिटेड फोटो

कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप को याद दिलाई महाभियोग चलने की वजह रही घटना

अमेरिका में परंपरा के मुताबिक नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में पुराने राष्ट्रपति भी मौजूद होते हैं, लेकिन 2020 में बाईडेन के शपथ समारोह में वे नहीं गए थे। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की तरह ही अपने उत्तराधिकारी जो बाईडेन के लिए एक चिट्ठी लिखकर व्हाइट हाउस में स्थित ओवल ऑफिस के प्रेसिडेंट टेबल पर रखी थी।

इस बार ट्रम्प के शपथ ग्रहण के समय बाईडेन भी ट्रम्प के लिए एक चिट्ठी छोड़ सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प इस वक्त प्रेसिडेंट इलेक्ट हैं और राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने तक उन्हें बाईडेन प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण मामलों में संज्ञान में रखा जाएगा।

ट्रम्प के खिलाफ उम्मीदवार रही उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने चुनावी हार स्वीकार करते हुए कहा कि उनका प्रशासन शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण में पूरा सहयोग देंगी।

कमला हैरिस ने इस बात के बहाने 6 जनवरी 2021 को ट्रम्प समर्थकों द्वारा कैपिटल बिल्डिंग में किए गए हिंसक प्रदर्शन की तरफ अप्रत्यक्ष रूप से ध्यान दिलाया, जब ट्रम्प चुनावी हार को मानने के लिए तैयार नहीं थे। उसके लिए ट्रम्प पर संसद में महाभियोग लाया गया और मुकदमा चलाया गया था।

डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप के नौ-रत्नों में बेटी-इजरायली दामाद से लेकर एलन मस्क और भारतीय मूल के रामास्वामी तक शामिल…

अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ नौ प्रमुख सहयोगियों को चुना है। इन्हें ट्रंप की नई टीम के नौ रत्न कहा जा रहा है। ये सभी अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, जो ट्रंप प्रशासन को मजबूती प्रदान करेंगे। इनमें एक भारतीय मूल के अमेरिकी राजनेता विवेक रामास्वामी भी शुमार हैं।

भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को ट्रंप प्रशासन में एक महत्वपूर्ण पद पर लाए जाने की प्रबल संभावना है। अपने कड़े रुख और स्पष्ट विचारों के कारण रामास्वामी ट्रंप के करीबी सहयोगियों में शामिल हुए हैं. वे ट्रंप की पार्टी से हैं और पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनना चाहते थे, लेकिन बाद में ट्रंप के समर्थन में उतर आए. ट्रंप ने खुद कहा है कि वे उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देंगे।

डोनाल्ड ट्रंप के ये नौ रत्नों का दल आने वाले समय में अमेरिका की नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। साथ ही इनके नेतृत्व में अमेरिका एक नया स्वरूप ले सकता है। ट्रंप के नए नौ रत्नों में शुमार पहला नाम रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर का है। कैनेडी परिवार के इस प्रभावशाली सदस्य को ट्रंप प्रशासन में स्वास्थ्य क्षेत्र की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।

स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर उनकी बेबाक राय और प्रखर दृष्टिकोण उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाते हैं। वे पहले डेमोक्रेट थे और ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन जो बाइडेन के उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज होकर स्वतंत्र उम्मीदवार बने और बाद में ट्रंप से जुड़ गए। ट्रंप के साथ कैनेडी जूनियर की भागीदारी स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार की दिशा में कदम हो सकती है।

टेस्ला और स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क अपनी अनोखी सोच और प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी बदलाव के लिए जाने जाते हैं। ट्रंप के साथ उनकी साझेदारी आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में नए रास्ते खोल सकती है।

मस्क का अनुभव अमेरिका को प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने में सहायक हो सकता है। ट्रंप को जिताने के लिए उन्होंने अपनी संपत्ति का योगदान दिया और अपने  प्लेटफार्म को ट्रंप की आवाज बनाया। ट्रंप के कार्यकाल में वे सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति साबित हो सकते हैं।

ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप को सलाहकार के रूप में शामिल किया जा सकता है। वह न केवल प्रशासन की महत्वपूर्ण निर्णय प्रक्रिया में भाग लेंगी, बल्कि वे ट्रंप की भरोसेमंद और सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हैं।

इवांका के पति और ट्रंप के दामाद जार्ड कुशनर को सलाहकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी। पहले भी विदेश मामलों में उनका कूटनीतिक दृष्टिकोण ट्रंप के लिए सहायक रहा है। वे यहूदी हैं और नई सरकार में इजराइल को लेकर उनकी भूमिका अहम होगी।

पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को रक्षा सचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में उनके अनुभव से ट्रंप प्रशासन को रक्षा नीति में मजबूती मिलेगी।उनका ट्रंप के साथ गहरा राजनीतिक जुड़ाव है। इसी कड़ी में अमेरिका के पूर्व राजदूत और राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख रिचर्ड ग्रेनेल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।

ट्रंप के भरोसेमंद माने जाने वाले ग्रेनेल विदेश नीति और सुरक्षा मामलों में विशेषज्ञता रखते हैं। फ्लोरिडा के सेनेटर मार्को रुबियो, जो चीन के कट्टर विरोधी हैं। उन्हें विदेश मंत्री पद दिया जा सकता है। रुबियो का अनुभव और ट्रंप के साथ उनकी वैचारिक संगति विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

ट्रंप की चुनावी अभियान प्रमुख सूसी वाइल्स को व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। चुनाव अभियान में उनके नेतृत्व और प्रबंधन कौशल के कारण ट्रंप उन पर भरोसा करते हैं। ट्रंप को दूसरी बार राष्ट्रपति बनाने में उनकी बड़ी भूमिका थी।

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